स्वस्थ होकर घर लौटा कोरोना पॉजिटिव, सरकार के नियमों का पालन करने की दी सलाह

स्वस्थ होकर घर लौटा कोरोना पॉजिटिव, सरकार के नियमों का पालन करने की दी सलाह

Anita Peddulwar
Update: 2020-04-10 12:25 GMT
स्वस्थ होकर घर लौटा कोरोना पॉजिटिव, सरकार के नियमों का पालन करने की दी सलाह

डिजिटल डेस्क, नागपुर। शुक्रवार को खामला निवासी कोरोना संक्रमित फुटवियर व्यापारी को स्वस्थ कर इंदिरा गांधी शासकीय चिकित्सा महाविद्यालय एवं अस्प्ताल (मेयो) से घर भेज दिया गया। ठीक होने के बाद घर पहुंचते ही मरीज ने कहा कि समाज के प्रत्येक व्यक्ति को प्रधानमंत्री और राज्य सरकार के नियमों का पालन करना चाहिए। यदि कोई पॉजिटिव आया गया तो अस्पताल में 14 दिन कैसे मर-मर के कटेंगे यह सोचना भी मुश्किल है।

अस्पताल में सब ठीक होने के बाद भी यही लगता था कि अब मर जाएंगे लेकिन उपचार और आइसोलेटड की वजह से मैं धीरे-धीरे ठीक हो गया और आज अपने घर लौट आया। यह कहानी शहर के पांचवें कोरोना पॉजिटिव की है जो शुक्रवार को ठीक होने के बाद अपने घर पहुंच गए। उन्होंने बताया कि अस्पताल में टाइम पास करने के लिए अपने परिजनों से बात कर लेते थे क्योंकि अस्पताल में उनके परिवार के अन्य सदस्य भी भर्ती हैं। उसके अलावा फोन पर बात करते थे या मोबाइल चलाकर टाइम पास कर लेते थे लेकिन फिर भी जैसे-तैसे दिन कट रहे थे। मेरे परिवार के कुछ सदस्यों की रिपोर्ट भी निगेटिव आई है जल्द ही उन्हें भी अस्पताल से छुट्टी मिल जाएगी।

यह था मामला
खामला निवासी फुटवियर व्यापारी अपने मैनेजर के साथ 16 मार्च को तमिलनाडु एक्सप्रेस से नागपुर से दिल्ली गया था। 17 मार्च को दिल्ली वह दिल्ली में अपनी खरीदी करके शाम को तेलंगाना एक्सप्रेस में सवार होकर 18 मार्च को नागपुर पहुंचा था। इसके बाद लक्षणों के आधार पर मेयो में उपचार के लिए पहुंचे जहां जांच के बाद 26 मार्च को उन्हें कोरोना पॉजिटिव पाया गया। इसके बाद उनके संपर्क में आने वाले सभी की जांच की गई जिसमें उनके माँ, पत्नी, बेटा के अलावा भाई और भाई की बेटी, कर्मचारी और कर्मचारी की बेटी सहित 11 लोगों को कोरोना होने की पुष्टि हुई थी। फिलहाल इन सभी को मेयो और शासकीय चिकित्सा महाविद्यालय एवं अस्पताल (मेडिकल) में आइसोलेटड करके रखा गया है जल्द ही उनको भी अस्पताल से डिस्चार्ज किया जाएगा।

इनका कहना है
मरीज को कोरोना पॉजिटिव आने के बाद अस्पताल में भर्ती किया गया था। अब वह स्वस्थ्य है। यहां 14 दिन में 2 बार जांच रिपोर्ट आने के बाद उसे प्रोटोकॉल के तहत डिस्चार्ज करने का निर्णय लिया गया।
- डॉ. सागर पांडे, उप अधीक्षक, मेयो

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