देवरी जंगल से सटे गांव के आसपास दहाड़ रहे बाघ, ग्रामीण कर रहे रतजगा

देवरी जंगल से सटे गांव के आसपास दहाड़ रहे बाघ, ग्रामीण कर रहे रतजगा

Bhaskar Hindi
Update: 2019-01-23 08:36 GMT
देवरी जंगल से सटे गांव के आसपास दहाड़ रहे बाघ, ग्रामीण कर रहे रतजगा

डिजिटल डेस्क, सतना। जिले के 2 जंगलों में 4 बाघों की दहाड़ पहली बार सुनी जा रही है। झुकेही से लगे देवरी जंगल से सटे गांवों में रात भर रतजगा का आलम रहा। मैदानी वन अमले की मानें तो वन विभाग के बैरियर तक आकर जंगल की ओर लौटा वनराज रात में कई बार दहाड़ा, जिसके कारण आसपास के वनग्रामों में लोग डर के मारे सो नहीं पाए। उधर पपरा पहाड़ के कोका हंसार जंगल में एक बाघिन अपने दो बच्चों जिनकी उम्र डेढ़ साल से भी अधिक होगी, दिन दहाड़े गश्त कर रहे वनकर्मियों का रास्ता रोककर खड़ी हो गई। वनकर्मियों के वापस लौटने पर वह डैम की ओर चली गई। एक साथ चार-चार टाइगरों की मौजूदगी से जहां जंगल में सन्नाटा खिंचा है, वहीं वन अमले की गतिविधियां एकाएक बढ़ गई हैं। दोनों जंगलों में कई-कई गश्ती दल भ्रमण कर रहे। टाइगरों के मूवमेंट पर उपवन मंडलाधिकारी जीआर सिंह खुद नजर रख रहे हैं।

कहां से आते हैं
सतना जिले के जंगलों में स्थाई रूप से टाइगर नहीं रह रहे, अलवत्ता आते-जाते अवश्य रहते हैं। सवाल यह उठता है कि यह टाइगर लगातार आते-जाते रहते हैं। जिले में बाघ आमतौर पर पन्ना टाइगर रिजर्व से और कई बार संजय टाइगर रिजर्व सीधी तथा बांधवगढ़ नेशनल पार्क से भी बरही के रास्ते आ जाते हैं। पिछले दिनों परसमनिया पठार के धनिया, पनिहाई, झलमला के जंगलों में और उधर बैसा आमिन गांवों के आसपास टाइगर के पगमार्क मिले थे। अमरपाटन रेंज के सिरगो जंगल में 6 दिन पहले दिखने के बाद 2 बच्चों वाली बाघिन जंगल में ही गुम गई। मंगलवार को अचानक कोका हंसार जंगल में पहुंचते ही दहाडऩे लगी।

टाइगर रिजर्व में ओवर फ्लो
पन्ना टाइगर रिजर्व के पूर्व असिस्टेंट डायरेक्टर एमपी ताम्रकार के मुताबिक जिले की सीमा से सटे टाइगर रिजर्व में कुल 20 बाघों के लायक ही क्षेत्रफल है, जबकि मौजूदा समय में यहां 25 बड़े और 15 छोटे टाइगर मौजूद हैं। 11 बाघों को कालर आईडी भी लगी है। यहां बाघों के बीच लिंगानुपात में भारी विषमता है। जिसकी बदौलत मादाओं के लिए वयस्क नर बाघों में अक्सर संघर्ष होता है। जो टाइगर हार जाते हैं वह सतना, दमोह अथवा सागर जिले के जंगलों में पलायन कर जाते हैं। उल्लेखनीय है कि परसमनिया, देवरी जंगल के रास्ते अब तक जो भी टाइगर यहां आए, सभी नर हैं। उधर दो बच्चों वाली बाघिन संजय गांधी टाइगर रिजर्व सीधी की मानी जा रही है।

इनका कहना है
कोका हंसार जंगल में बाघिन 2 बड़े बच्चों के साथ देखी गई है। जबकि देवरी जंगल में मेल टाइगर के पगमार्क मिले हैं। संभावित स्थलों पर वनकर्मी गश्त करते हुए बाघों के मूवमेंट पर नजर रखे हैं। ग्रामीणों को भी सतर्क कर दिया गया है।
राजीव मिश्र  - वन संरक्षक

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