'आतंकवाद में लिप्त रहे हैं रोहिंग्या, पिछली सरकारों ने रिपोर्ट पर नहीं दिया ध्यान'

'आतंकवाद में लिप्त रहे हैं रोहिंग्या, पिछली सरकारों ने रिपोर्ट पर नहीं दिया ध्यान'

Bhaskar Hindi
Update: 2017-10-07 12:39 GMT
'आतंकवाद में लिप्त रहे हैं रोहिंग्या, पिछली सरकारों ने रिपोर्ट पर नहीं दिया ध्यान'

डिजिटल डेस्क,नागपुर। आरएसएस के केंद्रीय कार्यकारिणी सदस्य इंद्रेशकुमार ने रोहिंग्या मुसलमानों के मामले में सरकार की भूमिका की सराहना की है। उन्होंने इस मुद्दे पर सरकार की तारीफ करते हुए कहा है कि इस मामले में पहले की सरकार वोट की राजनीति के दायरे से बाहर नहीं आ सकी। रोहिंग्या आतंकवाद में लिप्त रहे हैं,उनपर दया दिखाने की आवश्यकता नहीं है। पिछली सरकारों ने रोहिंग्या के बारे में रिपोर्ट पर ध्यान हीं नहीं दिया।

केरल की सरकार कर रही है खून की राजनीति 

केरल की राजनीतिक स्थिति पर संघ नेता ने साफ कहा कि वहां की सरकार खून की राजनीति को आश्रय दे रही है। रोहिंग्या मुसलमानों को देश में शरण देने का मामला इन दिनों सबसे अधिक गर्माया है। इस मामले पर इंद्रेश कुमार ने कहा कि कुछ बेइमान लोग ही इस मामले में दया दिखाने व मानवाधिकार की बात कर रहे हैं। इंद्रेश कुमार ने कहा कि केरल में कामरेड व कम्युनिस्ट और उनके दोस्त लोकतंत्र व संविधान को आहत कर रहे हैं। केरल सरकार खून की राजनीति को आश्रय देती नजर आती है। रोहिंग्या के मामले में किसी तरह ही दया की आवश्यकता ही नहीं है। रोहिंग्या मूल रुप से म्यांमार की जाति है। पहले रोहिंग्या सनातनी व बौद्ध होते थे।

कुछ वर्ष पहले कई रोहिंग्या मुसलमान बन गए। मुसलमान बनने के बाद उनका संबंध आतंकवाद से जुड़ गया। उन्हें हथियार मिलने लगे,लिहाजा वे ब्रम्हदेश के विभाजन की दंभ भरने लगे। देश विभाजन की मांग के साथ रोहिंग्या मुसलमानों ने सनातनी व बौद्ध नागरिकों को मारना शुरु कर दिया। अपने देश में गद्दारी करनेवाले रोहिंग्या की धरपकड़ शुरु हुई। तब वे भागकर बांग्लादेश में शरण पाने लगे। बाद में बांग्लादेशी घुसपैठियों के साथ भारत में आने लगे। म्यांमार में रोहिंग्या का सच बेनकाब हो गया है। वे अपराधी हैं। 35 वर्षों में उनके बारे में गुप्तचर एजेंसियां रिपोर्ट देती रही है। पिछली सरकारों ने उन रिपोर्ट पर ध्यान ही नहीं दिया।

आतंकी केवल दंड के पात्र है। उनके लिए मानवाधिकार की बात करने वाले गद्दार हैं। इंद्रेश कुमार ने यह भी कहा कि रोहिंग्या मुसलमानों को शरण देने के लिए किसी भी मुस्लिम राष्ट्र ने दया नहीं दिखायी है। विश्व में 46 मुस्लिम राष्ट्र हैं। मानवाधिकार का पालन करानेवाले यूएनओ ने भी रोहिंग्या को लेकर कोई बैठक नहीं बुलायी है। यूएनओ चुप है। भारत में विश्व की 3 प्रतिशत जमीन है। 16 प्रतिशत जनसंख्या है। पहले से ही 23 देशों के शरणार्थी भारत में हैं। ऐसे में रोहिंग्या की दया दिखाने की क्या आवश्यकता है। इंद्रेश कुमार राष्ट्रीय मुस्लिम मंच के संयोजक भी हैं। उन्होंने बताया कि उनका मंच दिल्ली व कश्मीर में दो मुवमेंट में जुटा है। युवाओं को हिंसा का रास्ता छोड़ने के लिए तालिम व तहजीब के संस्कार दिए जा रहे हैं। पाकिस्तान के प्रभाव क्षेत्रवाले कश्मीर में भारतीयता का पाठ पढ़ाया जा रहा है। 120 स्थानों पर पीओके खाली करने की मांग के साथ प्रदर्शन किए गए हैं।   

ताजाबाद शरीफ पर चढ़ाया चादर 

शनिवार को एक कार्यक्रम के सिलसिले में आए इंद्रेशकुमार ताजाबाद शरीफ पहुंचे। ताजुद्दीन बाबा की मजार पर चादर चढ़ाने के बाद उन्होंने सामाजिक, राजनीति स्थिति पर चर्चा की। बाबा ताजुद्दीन की मजार पर चादर चढ़ाकर मैंने भाईचारे की कामना की है। बाबा से दुआ मांगी है कि किसी के मन व जुबान में कट्टरता न रहे । सभी को वतन से मोहब्बत हो जाए। पाकिस्तान जिंदाबाद कहने वाले भी हिंदुस्तान जिंदाबाद कहें। इसी से उन्हें जन्नत मिलेगी। पाकिस्तान जिंदाबाद का नारा जो सुन या सह लेते हैं उनसे भी कहीं न कहीं अपराध हो जाता है। सभी को वतन से मोहब्बत की तालिम मिले।

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