विद्युत प्रवाहित ओचएचई तार चोरी करने वालों को आरपीएफ ने घेराबंदी  किया गिरफ्तार

 विद्युत प्रवाहित ओचएचई तार चोरी करने वालों को आरपीएफ ने घेराबंदी  किया गिरफ्तार

Anita Peddulwar
Update: 2020-06-11 11:15 GMT
 विद्युत प्रवाहित ओचएचई तार चोरी करने वालों को आरपीएफ ने घेराबंदी  किया गिरफ्तार

डिजिटल डेस्क, नागपुर।  तालाबंदी के दौरान नागपुर-छिंदवाड़ा लाइन की ओएचई तार चोरी का मामला सामने आया है। ट्रेनों का संचालन बंद होने के कारण आरोपियों ने एक नहीं 3 बार यहां ओएचई तार चोरी करते हुए सुरक्षा व्यवस्था के नाक में दम कर रखा था। हैरानी की बात यह है, कि जब चोरी की वारदात हुई इस दौरान ओएचई में विद्युत प्रवाह शुरू था, बावजूद इसके शातिर तरीके से लगभग 265 मीटर तक ओचएचई तारें चुराईं गई ।  आरपीएफ ने बुधवार की रात घेराबंदी कर आरोपियों को पकड़ने में सफलता पाई है। आरोपियों के पास से कुल 55 हजार से ज्यादा की ओएचई तारें जब्त की गई है। कार्रवाई दपूम रेलवे नागपुर मंडल के मंडल सुरक्षा आयुक्त ए.के. स्वामी के मार्गदर्शन में की गई।

गत 5 वर्षों से नागपुर-छिंदवाड़ा छोटी लाइन को बड़ी लाइन में तब्दील करने का काम शुरू है। जो वर्तमान स्थिति में लगभग पूरा हो गया है। केवल भिमालगोंडी से आगे का कुछ हिस्से में ट्रेनें नहीं चल रही है। लेकिन नागपुर से भिमालगोंडी तक पैसेंजर ट्रेनों का संचालन शुरू है। इन दिनों कोविड़-19 के कारण पैसेंजर ट्रेनों का संचालन बंद रहने से यह लाइन बंद है। इसी का फायदा आरोपियों ने उठाया। मौका देख नागपुर से भिमालगोंडी के बीच में तालाबंदी के दौरान 3 बार ओएचई तारों को काट-काट कर बेचा गया। लगातार हो रही चोरी की घटना से आरपीएफ की सीआईबी ( क्राइम इन्वेस्टीकेशन ब्रैच) को इस काम पर लगाया गया था। बुधवार को घडेला से भिमालगोंडी के बीच छिंदवाड़ा के पोस्ट प्रभारी निरीक्षक एम.के. सिंह तथा टीम नागपुर के निरीक्षक विकास कुमार आदि यहां पेट्रोलिंग कर रहे थे। इस बीच 4 आरोपी यहां संदिग्ध अवस्था में पाये गये। इनसे पूछताछ में अप्रैल माह में इनके ओएचई तार जब्त करने का मामला सामने आया। कुल 6 आरोपियों को इस संबंध में आरपीएफ द्वारा गिरफ्तार कर 55 हजार 8 सौ 80 रुपये का माल जब्त किया गया है।

तालाबंदी के पहले रोकनी पड़ी थी ट्रेन  

सूत्रों की माने तो यहां इससे पहले भी चोरी हुई है। तालाबंदी के पहले इसी लाइन पर ओएचई तारों को काट कर बेच दिया था। जिसके कारण इस रूट से जानेवाली ट्रेन को रोकना पड़ा था। मरम्मत कर ट्रेन को आगे बढ़ाया गया था।

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