अयोध्या में राम मंदिर के लिए सरकार पर दबाव बनाएं हिन्दू : भागवत

अयोध्या में राम मंदिर के लिए सरकार पर दबाव बनाएं हिन्दू : भागवत

Bhaskar Hindi
Update: 2018-11-25 17:02 GMT
अयोध्या में राम मंदिर के लिए सरकार पर दबाव बनाएं हिन्दू : भागवत

डिजिटल डेस्क, नागपुर। राम मंदिर को लेकर कई दशकों से विवाद जारी है, जबकि वर्ष 2010 में हाईकोर्ट ने साफ कर दिया था कि अयोध्या राम जन्मस्थल है। बावजूद इसके अयोध्या में मंदिर निर्माण रुका पड़ा है। सर्वोच्च न्यायालय ने तो अब साफ कर दिया है कि मंदिर उनकी प्राथमिकता नहीं है। एक वर्ष पूर्व मैंने ही श्रद्धालुओं से कहा था कि धैर्य रखें, लेकिन अब परिस्थितियां बदल गई हैं। न्याय में देरी अन्याय से कम नहीं है। ऐसे में अब वक्त आ गया है कि हिंदू समाज अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के लिए जागरुक होकर सरकार पर दबाव बनाएं कि सरकार संसद में राम मंदिर निर्माण का प्रस्ताव लाए।

राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के सर संघचालक मोहन भागवत रविवार को शहर के हनुमान नगर स्थित ईश्वर देशमुख महाविद्यालय के मैदान में विश्व हिंदू परिषद द्वारा आयोजित "हुंकार सभा" को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि सरकार राम मंदिर निर्माण करने की मंशा भी रखती है तो कई वजह से बात आगे नहीं बढ़ पाती, जनता इसकी पुरजोर मांग उठाएगी तो सरकार को भी मंदिर निर्माण का बल मिलेगा।

इस दौरान मंच पर जगतगुरु शंकराचार्य वासुदेव सरस्वती महाराज, साध्वी ऋतंभरा, देवनाथ पीठाधीश्वर जीतेंद्र नाथ महाराज, वीएचपी अंतरराष्ट्रीय अध्यक्ष आलोक कुमार मंच पर प्रमुख रूप से उपस्थित थे। 
इस कार्यक्रम के जरिए वीएचपी ने घोषणा की कि अब वे देश के सभी 543 जिलों में राम मंदिर निर्माण के लिए सभाएं लेंगे। स्थानिय नागरिकों के साथ मिल कर संबंधित सांसद को मिल कर अयोध्या में राम मंदिर निर्माण की मांग करेंगे।

संसद दे मंदिर निर्माण को मंजूरी
आलोक कुमार ने कहा कि सर्वोच्च न्यायालय में लगातार राम मंदिर की सुनवाई टल रही है। कोर्ट ने मंदिर को अपनी प्राथमिकता मानने से इनकार कर दिया। देश की संसद के पास अधिकार है कि वे सर्वोच्च न्यायालय के फैसले का इंतजार न करते हुए मंदिर निर्माण शुरू कर सकती है और सरकार को ऐसा करना ही चाहिए।

जितेंद्र नाथ महाराज ने कहा कि करोड़ों हिंदुओं के आस्था के प्रतिक भगवान राम वर्षों से टेंट में है, यह हिंदुओं की आस्था का अनादर है। समझना होगा कि कानून समाज के लिए है या समाज कानून के लिए है। राम मंदिर निर्माण में रोड़ा डालने वालों के खिलाफ खड़े रहने की जरुरत है। विशेष अतिथि शंकराचार्य वासुदेवानंद सरस्वती महाराज ने कहा कि राम मंदिर शुरू से अयोध्या में ही था, ऐसे में अन्यत्र इसका निर्माण संभव नहीं है। कोर्ट ने यदि समय पर न्याय दिया होता तो विवादित ढांचा नहीं टूटता। अब श्रद्धालुओं के सब्र का बांध टूटने के पहले सर्वोच्च न्यायालय को अपना फैसला दे देना चाहिए।

साध्वी ऋतंबरा ने कहा कि मंदिर निर्माण के लिए हिंदू समुदाय को अापसी मतभेद छोड़ एक होने की जरुरत है। इसी से मंदिर निर्माण की मांग को बल िमलेगा। मांग यदि बुलंद होगी तो सरकार को हर हाल में इसे स्वीकार करना ही होगा। कार्यक्रम की प्रस्तावना और आभार प्रदर्शन आयोजन समिति अध्यक्ष संजय भेंडे ने किया।

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