सबरीमाला मामले को लेकर रणनीति में जुटे RSS से जुड़े संगठन, बैठकों का दौर शुरू

सबरीमाला मामले को लेकर रणनीति में जुटे RSS से जुड़े संगठन, बैठकों का दौर शुरू

Tejinder Singh
Update: 2018-10-26 15:21 GMT
सबरीमाला मामले को लेकर रणनीति में जुटे RSS से जुड़े संगठन, बैठकों का दौर शुरू

डिजिटल डेस्क, नागपुर। सबरीमाला मंदिर में महिलाओं के प्रवेश के विवाद का मामला राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) व उससे जुड़े संगठनों के लिए काफी महत्वपूर्ण है। महिलाओं के मंदिर प्रवेश के विरोध में महिलाओं को ही आंदोलित करने की रणनीति बन रही है। इससे लिए विविध स्थानों पर बैठकों का दौर आरंभ हो गया है। संघ व संघ से जुड़ी महिला जनप्रतिनिधियों को इस मामले में प्रमुखता से जोड़ने का भी प्रयास किया जा रहा है। विशेषकर RSS की विचारधारा के साथ काम कर रही व देश में दूसरी RSS कहला रही राष्ट्रसेविका समिति का प्रमुखता से सहयोग लिया जा रहा है। हाल ही में RSS के रेशमबाग स्थिति भवन में महिलाओं के कार्यक्रम में केंद्रीय मंत्री स्मृति इरानी शामिल हुई।

गोवा की राज्यपाल मृदुला सिन्हा के साथ RSS से जुड़े संगठन के कार्यकर्ताओं की बैठक हुई। राष्ट्र सेविका समिति की प्रमुख शांतक्का ने नागपुर व वर्धा में महिला कार्यकर्ताओं के साथ बैठक की। माना जा रहा है कि सबरीमाला मामले में महिलाओं के मंदिर प्रवेश के िवरोध में चल रही रणनीति के हिस्से के तौर पर ही ये बैठकें केंद्रित है। इसके अलावा केरल क्षेत्र के निवासियों से जुड़े सामाजिक संगठनों को भी जोड़ा जा रहा है। राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के सरसंघचालक डॉ.मोहन भागवत ने 18 अक्टूबर को विजयादशमी उत्सव के दौरान सबरीमाला मामले पर बोला था। उन्होंने कहा था,बदलाव के साथ व्यवस्थाएं बदलती है पर पुरानी मान्यताओं का महत्व भी कायम है।

सबरीमाला मामले में लोगों की भावनाओं का ध्यान रखा जाना चाहिए। सरसंघचालक के बयान के बाद RSS से जुड़े संगठन अपनी रणनीति पर तेजी से काम करने लगे हैं। एक जानकारी के अनुसार राष्ट्र सेविका समिति के अलावा भारतीय स्त्री शक्ति संगठन भी सबरीमाला मामले पर विशेष प्राथमिकता के साथ काम कर रहे है। दूसरा RSS माने जाने वाली राष्ट्र सेविका समिति की देश भर में 3000 से अधिक शाखाएं है। संघ के स्वयंसेवकों की तरह समिति की कार्यकर्ताओं को शाखाओं के माध्यम से हिंदू विचारधारा व राष्ट्रीयता की सीख दी जाती है। समिति से जुड़ी कार्यकर्ता राजनीति के अलावा विविध क्षेत्रों में महत्वपूर्ण पदों पर है। भारतीय स्त्री शक्ति संगठन की स्थापना निर्मला आप्टे ने नागपुर में ही की थी।

इस संगठन की विशेषता है कि यह लेफ्टिस्ट पार्टी के महिला संगठनों के करीब है। शालेय विद्यार्थियों में लैंगिग शिक्षा के अलावा महिला अधिकार की लड़ाई की जानकारी देने का काम यह संगठन करता है। लिहाजा RSS से परोक्ष अपरोक्ष तौर से जुड़े संगठनों के माध्यम से महिलाओं को सबरीमाला मामले में आंदोलन का हिस्सा बनाने की रणनीति है। एक कार्यकर्ता के अनुसार इसी विजयादशमी को राष्ट्रसेविका समिति ने श्रीराम नवरात्र उत्सव का आगाज किया है। महाराष्ट्र में एक साथ 135 स्थानों पर 200 महिला स्वयंसेवकों ने प्रवचन किए।

श्रीराम चरित्र व रामायण के विशेष पहलुओं पर लोकशिक्षा के नाम पर महिलाओं को परंपरागत स्त्री नैतिकता धर्म का पालन करने को कहा गया। सीताजी के चरित्र को आदर्श स्त्री का चरित्र बतानेवाली नई आरती के गायन की भी शुरुआत की गई है। बताया जा रहा है कि RSS के इन संगठनाें के महिला जागरण अभियान की रणनीति एक सप्ताह बाद सामने आ सकती है।

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