साधु संतों ने भरी हुंकार- हमारा हक दो वरना जाने की तैयारी करो

साधु संतों ने भरी हुंकार- हमारा हक दो वरना जाने की तैयारी करो

Bhaskar Hindi
Update: 2018-04-24 07:52 GMT
साधु संतों ने भरी हुंकार- हमारा हक दो वरना जाने की तैयारी करो

डिजिटल डेस्क छिंदवाड़ा। मध्य प्रदेश के साधु संत एवं पुजारियों ने अखिल भारतीय संत समिति के बैनर तले अपने सरकार से अपने हक की लड़ाई प्रारंभ कर दी है। एक माह का प्रदेश सरकार को अल्टीमेटम देते हुए साधु संतों ने सरकार का चेतावनी दी की अब भी वक्त है साधु संत को परेशान करना छोड़कर उनका हक उन्हें दिया जाए, वरना सत्ता से जाने की तैयारी कर ले। प्रदेश की भाजपा सरकार को सत्ता से बेदखल करने साधु संत एवं पुजारी गांव गांव एवं कस्बें कस्बें में जाकर आम सभाऐं करेंगे।


उक्ताशय के उदगार स्थानीय बस स्टेण्ड में 14 सूत्रीय मांगों को लेकर धरना प्रदर्शन दे रहे अखिल भारतीय संत समिति के प्रदेश अध्यक्ष महंत सुरेन्द्र गिरि महाराज ने व्यक्त किए। धरना प्रदर्शन को संबोधित करते हुए महंत गिरिजी महाराज ने कहा कि मठ मंदिरों को मोहरा बनाकर सत्ता प्राप्त करने के बाद अब उन्हीं पर अत्याचार किया जा रहा है।   प्रदेश सरकार ने अपने कार्यकाल में इतने मठ मंदिरों को तोड़ा जितने बाबर ने भी नहीं तोड़ा।  हिन्दुओं को शुभचिंतक बनने वाले नेता आज सत्ता पर काबिज होने के बाद सब भूल गए है। गौ रक्षा के लिए बनाई गई गौशालाओं की और इनका कोई ध्यान नहीं है। सरकार एक और तो एक रुपए किलो गेंहू बांट रही है वहीं गौशाला के लिए हमें आठ से दस रुपए किलो भूसा खरीदना पड़ रहा है। धरना प्रदर्शन में महाकौशल प्रांत के दो दर्जन से अधिक साधु संतों ने संबोधित किया। धरना उपरांत मंच पर शाम 4.30 बजे पहुंचे कलेक्टर जेके जैन एवं पुलिस अधीक्षक गौरव तिवारी को मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा गया।


28 को उज्जैन में होगा धरना
अखिल भारतीय संत समिति ने मंच से हूंकार भरते हुए कहा कि पूरे प्रदेश में अपने हक की लड़़ाई के लिए धरना प्रदर्शन व ज्ञापन सौंपा जाएगा। छिंदवाड़ा से शुरु हुआ आंदोलन आगामी 28 अपै्रल को उज्जैन पहुंचेगा। यहां धरना प्रदर्शन दिया जाएगा। इसके उपरांत इंदौर में कार्यक्रम रखा गया है। यह सिलसिला आगे भी पूरे प्रदेश में जारी रहेगा और इसे हम जन आंदोलन में तब्दील कर देगें।


इन संतों की रही मौजूदगी
पत्रकारवार्ता में समिति के प्रदेश अध्यक्ष महंत सुरेन्द्र गिरी महाराज, उपाध्यक्ष डॉ. स्वामी नरसिंहदास महाराज, महंत रामगिरी महाराज, महंत हनुमान दास महाराज, महंत त्रिलोकदास महाराज, महंत नरेन्द्र योगी महाराज, महंत नंदकिशोर महाराज, महंत रामानुंद पुरी महाराज,महंत भगवानदास महाराज, महंत श्यामदास महाराज, महंत रामेश्वरमदास महाराज, महंत सियारामदास महाराज, महंत मनमोहनदास महाराज, रामसेवक दास महाराज, महंत नागेन्द्र ब्रम्हचारी एवं वासुदेवानंद महाराज मौजूद रहे।
 

यह है प्रमुख मांगे
संत पुजारी समाज अपनी 14 सूत्रीय मांगों के लेकर अब सरकार के विरुध विधानसभा चुनाव में चुनौती देने की मुद्रा में आ गया है। प्राचीन मठ मंदिर आश्रम प्रबंधन का नामांतरण पुजारियों की वंश परम्परा व सधुओं में गुरु शिष्य परम्परा के अंतगर्त करने के लिए कानून बनाया जाए।


संतों की प्रमुख मांगों में मठ मंदिरों के अधीन जमीनों की नीलामी पर पूर्णत: प्रतिबंध हो। मठ मंदिरों से सरकारी नियंत्रण हटाया जाए। मठ मंदिरों की जमीन की देखरेख कर रहे पुजारियों को किसान का दर्जा दिया जाए। मठ मंदिर सलाहकार समिति की घोषणा शीघ्र की जाए। गौशाला खोलने की प्रक्रिया सरल की जाए जैसी मांगों को लेकर सभी संत समाज एकजुट हो गया है।

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