बच्चा चोरी की अफवाह के चलते हुए थी साधुओं की हत्या
बच्चा चोरी की अफवाह के चलते हुए थी साधुओं की हत्या
डिजिटल डेस्क , मुंबई । तीन महीने पहले महाराष्ट्र के पालघर जिले में हुई साधुओं की हत्या बच्चा चोरी की अफवाह के चलते हुई थी और इसमें कोई पूर्व नियोजित साजिश नहीं थी। आरोप पत्र में यह भी दावा किया गया है कि हत्या के पीछे कोई धार्मिक वजह नहीं थी। सबूत के तौर पर आरोपियों द्वारा आरोपियों द्वारा बच्चा चोरी से जुड़े एक दूसरे को भेजे गए संदेश भी आरोपपत्र में जोड़े गए हैं। मामले में दायर 10876 पेज के दो आरोपपत्र में सीआईडी ने दावा किया है। मामले में बुधवार को डहाणु कोर्ट में दो नाबालिगों समेत 126 आरोपियों के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल किया गया। दो नाबालिग आरोपियों के खिलाफ अलग से बाल न्यायालय में मामला चलाया जाएगा।
बता दें कि इसी साल 16 अप्रैल को जूना अखाड़े के महाराज कल्पवृक्ष गिरि(70) उनके सहायक सुशील गिरि महाराज (35) और ड्राइवर नीलेश तेलगड़े (30) की करीब 500 लोगों की भीड़ ने पीट - पीटकर हत्या कर दी थी। आरोपपत्र के मुताबिक अंतिम संस्कार में हिस्सा लेने सुरत जा रहे साधुओं ने लॉकडाउन के चलते मुख्य मार्ग की जगह धाबाड़ी से खानवेल जाने वाला रास्ता चुना। गाड़ी गड़चिंचले गांव पहुंची तो लोगों ने उन्हें बच्चा चोर समझा और करीब 500 लोगों की भीड़ ने उन पर हमला कर दिया। मौके पर पहुंची पुलिस ने साधुओं को बचाने की कोशिश की लेकिन आरोपी उन्हें पुलिस के हाथों से खींच ले गए और पीट - पीटकर हत्या कर दी। शुरुआत में पालघर की पुलिस ने मामले की छानबीन शुरू की लेकिन विवाद बढ़ने के बाद इसकी जांच सीआईडी को सौंप दी गई।
118 गवाहों के बयान
सीआईडी ने इस मामले में 808 संदिग्धों की जांच की और आरोपियों के खिलाफ सबूत जुटाने के लिए 118 गवाहों के बयान दर्ज किए गए। मामले में 126 आरोपियों के खिलाफ पहला आरोपपत्र 4955 पेज का दर्ज किया गया। इसके जांच अधिकारी डीवाईएसपी विजय पवार थे। जबकि जांच अधिकारी डीवाई एसपी इरफान शेख की अगुवाई में इन्ही आरोपियों के खिलाफ 5921 पेज का एक और आरोपपत्र दायर किया गया। मामले में पुलिस ने 154 आरोपियों को गिरफ्तार किया है जबकि 11 नाबालिगों को हिरासत में लिया है। आरोपियों के खिलाफ हत्या, हत्या की कोशिश, संपत्ति को नुकसान पहुंचाने जैसे आरोपो में एफआईआर दर्ज की गई है।
भाजपा की मांग, सीबीआई करे जांच
भाजपा प्रवक्ता और विधायक राम कदम ने इस पूरे मामले की सीबीआई जांच की मांग की है। कदम ने कहा कि इस हत्याकांड के बाद ही मुख्यमंत्री और गृह मंत्री ने अपने बयान में यह कह दिया था कि यह हत्या अफवाह के चलते हुई है। दोनों ने अपने बयानों से मामले की छानबीन कर रहे पुलिस वालों की इसकी दिशा और निष्कर्ष पहले ही बता दिया। आरोपपत्र में भी पुलिस हत्या की यही वजह बता रही है। पूरा देश और संत समाज मामले की सीबीआई जांच की मांग कर रहे हैं उसे स्वीकार किया जाना चाहिए।