सफेलकर के साथी की जमानत याचिका खारिज

सफेलकर के साथी की जमानत याचिका खारिज

Anita Peddulwar
Update: 2021-04-17 14:09 GMT
सफेलकर के साथी की जमानत याचिका खारिज

डिजिटल डेस्क, नागपुर। कुख्यात रंजीत सफेलकर के साथी की जमानत याचिका को अदालत ने खारिज कर दिया है। आरोपी जमानत मिलने पर पीड़ितों को धमका सकता है अथवा उन्हें लालच दे सकता है, ऐसा तर्क पुलिस ने अदालत में दिया था, जिसे अदालत ने माना है।

दुकानों पर किया है कब्जा
आरोपी जितेंद्र उर्फ जीतू प्रतापराय कटारिया, आहूजा नगर निवासी है। वर्षों पहले उसने कामठी रोड पर नाका नं.-2 के पास 12 हजार रुपए प्रतिमाह दुकान का कमरा कामठी रोड, भिलंगाव निवासी डुमन प्रगट (51) से िकराए पर लिया था। करीब एक वर्ष तक जीतू ने किराया दिया, लेकिन इसके बाद उसने किराया देना बंद कर दिया।

किराए के 5.20 लाख रुपए बकाया हैं
जीतू पर किराए के 5 लाख 20 हजार रुपए बकाया हैं। दुकान की पहली मंजिल पर स्थित 4 कमरों पर भी जीतू ने अतिक्रमण कर लिया है। कमरों के ताले तोड़े हैं। खुली 14 चौरस फुट जगह भी कब्जे में ले ली है और  वहां अपने नाम का बोर्ड लगा दिया है। इस बारे में जब डुमन का रिश्तेदार महेश प्रगट जीतू को समझाने गया, तो रंजीत सफेलकर, कालू हाटे, भरत हाटे और जीतू ने बंदूक और तलवार दिखाकर 50 लाख रुपए की मांग की। अन्यथा जान से मारने की धमकी दी थी।

धमकाकर 10 लाख रुपए भी लिए थे
जान के खौफ से डुमन ने आरोपियों को 10 लाख रुपए भी दिए थे। इस प्रकरण में लिप्त कुछ आरोपी जेल में बंद हैं तो कुछ पुलिस रिमांड पर हैं। इस बीच जीतू ने अदालत में जमानत याचिका दाखिल की थी। शुक्रवार को हुई सुनवाई में अपराध शाखा के निरीक्षक ईश्वर जगदाले ने अदालत को बताया कि, आरोपी जीतू को जमानत िमलने पर वह पीड़ित और प्रत्यक्षदर्शियों को धमका सकता है। अथवा उन्हें लालच देकर प्रभावित कर सकता है, क्योंकी प्रकरण में लिप्त मुख्य आरोपी रंजीत सफेलकर का काफी खौफ रहा है। पुलिस के इस तर्क को अदालत ने भी माना और न्यायाधीश सिद्धार्थ गाढ़वे ने जीतू की जमाचत याचिका को खारिज कर दिया। 

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