आवाज दबाने अर्बन नक्सल का मुद्दा उठाया जा रहा है, MP चुनाव पर पड़ेगा असर - डॉ. सुनीलम्

आवाज दबाने अर्बन नक्सल का मुद्दा उठाया जा रहा है, MP चुनाव पर पड़ेगा असर - डॉ. सुनीलम्

Anita Peddulwar
Update: 2018-09-17 08:59 GMT
आवाज दबाने अर्बन नक्सल का मुद्दा उठाया जा रहा है, MP चुनाव पर पड़ेगा असर - डॉ. सुनीलम्

डिजिटल डेस्क, नागपुर। किसान नेता व समाजवादी पार्टी के प्रवक्ता डॉ. सुनीलम ने कहा है कि, अर्बन नक्सलवाद को लेकर काफी मतांतर है। माना जा रहा है कि, विरोध की आवाज को दबाने के लिए नियोजित तरीके से अर्बन नक्सलवाद की बात सामने लायी जा रही है। महाराष्ट्र में भीमा कोरेगांव प्रकरण के बाद जिस तरह कार्यकर्ताओं की धरपकड़ चल रही है उसको लेकर सवाल भी उठने लगे हैं। यहां के घटनाक्रम का प्रभाव मध्यप्रदेश के विधानसभा चुनाव पर हो सकता है।

डॉ. सुनीलम ने यह भी कहा कि, भाजपा को सत्ता से दूर करने के लिए विविध राजनीतिक दल व संगठन साथ आ रहे हैं। बड़ी व मजबूत ताकत के तौर पर कांग्रेस ने नेतृत्व की जिम्मेदारी संभालनी चाहिए। गठबंधन के संबंध में जल्द निर्णय लिया जाना चाहिए। निजी प्रवास पर शहर में आए डॉ. सुनीलम ‘दैनिक भास्कर’ से अनौपचारिक चर्चा कर रहे थे। उन्होंने कहा कि, देश में आंदोलनकारियों के प्रति अप्रचार का प्रयास सरकार की ओर से ही होने लगता है। श्रमिक, दलित, आदिवासी व मुस्लिमों को न्याय के लिए लंबे समय से आंदोलन करना पड़ा रहा है। संवैधानिक अधिकार के तहत किए जाने वाले आंदोलनों पर भी अब दबाव लाने का प्रयास होने लगा है।  मध्यप्रदेश में भाजपा ने सत्ता के माध्यम से भय का वातावरण बनाने की सीमा लांघ दी है।

मंदसौर गोलीकांड में साफ हो गया है कि, सरकार ही किसानों को शहीद करने से नहीं चूक रही है। लोग प्रदर्शन करें, आंदोलन के लिए कदम बढ़ाएं तो तुरंत धारा 144 लगाकर लोगों के अधिकारों को छीनने का प्रयास होता है। मध्यप्रदेश में अपाक्स संगठन के नेतृत्व में भाजपा के विरोध में वह वर्ग में सड़क पर आंदोलन करने लगा है जो बरसों से भाजपा के समर्थक हैं।  बसपा, सपा व गोंडवाना गणतंत्र पार्टी का मध्यप्रदेश में जनाधार 10 प्रतिशत से अधिक है। भाजपा व कांग्रेस के बीच जीत का अंतर 10 से 15 प्रतिशत का ही रहता है। कांग्रेस सभी दलों को साथ लें तो भाजपा को सत्ता से दूर किया जा सकता है। 

 

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