रेत माफियाओं ने बदला ट्रेंड, सब्जी के ठेलों पर रेत के सैंपल

रेत माफियाओं ने बदला ट्रेंड, सब्जी के ठेलों पर रेत के सैंपल

Anita Peddulwar
Update: 2020-10-29 08:15 GMT
रेत माफियाओं ने बदला ट्रेंड, सब्जी के ठेलों पर रेत के सैंपल

डिजिटल डेस्क, नागपुर। दक्षिण नागपुर में  रेत माफियाओं ने अब  अपने धंधे का ट्रेंड ही बदल दिया है। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार दक्षिण नागपुर में कई जगह पर सड़कों के किनारे हाथठेलों पर सब्जी विक्रेताओं की तरह  रेत के स्टाॅल लगाए जा रहे हैं। यह कुछ घंटे बाद हटा लिए जाते हैं। रेत पसंद आने पर ग्राहक का नाम, पता व मोबाइल नंबर लेकर उसके घर या बताए पते पर ट्रक व बोलेरो में रेत भेज दी जाती है। रेत के माफियाओं के अजनी, हुड़केश्वर, बेलतरोड़ी से पांचगांव से लेकर जगह-जगह गुप्त ठिकाने हैं, जहां पर रेत का ढेर लगा है। रेत की तस्करी तड़के 3 से 5 बजे के दरमियान होने की जानकारी सामने आई है। रेत के इस खेल में   नारायण, तुषार, भारत, दीपक, राजू सहित कई नाम शामिल हैं। नागपुर में गड़चिरोली (वडसा), भंडारा, पवनी, चिचोली, खुर्सापार, भद्रावती, गोंदिया-कुरोडा घाट, चिमूर आदि इलाके की रेत बिना रायल्टी के आ रही है। दिखावे के लिए पुलिस कई बार कार्रवाई करती है। सूत्रों का कहना है कि जब भी पुलिस का कोई वाहन वहां से गुजरता है, तो हाथठेले हटा लिए जाते हैं।

पसंद आने पर घर पहुंचती रेत 
सूत्रों के अनुसार हाथठेले पर रखे रेत के सैंपल पसंद आने पर गुप्त ठिकानों से मंगाकर दी जाती है। इस तरह की ट्रिक अपनाकर रेत माफिया करोड़ों रुपए के राजस्व का नुकसान कर रहे हैं। खास बात यह है कि इसकी भनक स्थानीय प्रशासन को नहीं लग पा रही है। खुलेआम हाथठेलों पर रेत का सैंपल दिखाकर धंधा हो रहा है। शहर में अवैध रेत के धंधे में लिप्त लोग बेधड़क इस कार्य को कर रहे हैं। नागपुर के कई इलाके में यह कार्य बदस्तूर जारी है। मानेवाड़ा रिंग रोड से लेकर म्हालगीनगर के बीच रोजाना सुबह 5 से 7 बजे के दरमियान रेत के स्टॉल वाले कई हाथ ठेले देखे जा सकते हैं। इस ट्रिक को  अपनाकर रेत माफिया बिना रायल्टी दिए धंधा कर रहे हैं। 

फिक्सिंग का काम 
सूत्रों के अनुसार संबंधित विभाग से फिक्सिंग कर रेत का यह कारोबार हो रहा है। संबंधित विभाग के अधिकारी-कर्मचारियों से साठ-गांठ होने पर ही  यह ट्रक शहर में आउटर रिंग से बेधड़क दाखिल हो रहे हैं। रेत के यह ट्रक पवनी-भंडारा से उमरेड मार्ग-दिघोरी चौक मार्ग, विहिरगांव पुल, पिपला फाटा, हुड़केश्वर मार्ग से होते ही शहर में दाखिल होते हैं। रेत लादकर आने वाले यह ट्रक किसी भी रेत वाले स्टाॅल के आस-पास खड़े नहीं किए जाते हैं। रेत माफियाओं ने कई एजेंट पाल रखे हैं। ये एजेंट मानेवाड़ा रिंग रोड से दिघोरी मार्ग तक सड़क पर रेत का स्टाॅल लगाते हैं। कौन से रेत घाट की रेती किस भाव में मिलेगी, इसकी जानकारी नीचे रखे बोर्ड में लिखी होती है। 

पॉलिथीन में रखा जाता है सैंपल
सूत्रों के अनुसार हाथठेले पर खुले में और पाॅलिथीन के अंदर सैंपल को रखा जाता है। हर सैंपल में उसका नाम लिखा होता है, जैसे कि यह रेत पवनी, भंडारा, कन्हान या कहां की है। मनपा आम आदमी के घर के पास पड़े मलबे को लेकर चालान कार्रवाई करती, लेकिन शहर में वीरान जगह पर पड़े रेत के ढेर नजर ही नहीं आते हैं। 

वसूली पर जोर 
सूत्रों के अनुसार रेत के इस अवैध कारोबार में चंदू, देवेंद्र, नितीन और रत्नाकर सहित कई लोग लिप्त बताए जा रहे हैं। यह लोग शहर में रेत के ट्रक आने के लिए महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। 

जोन के उपायुक्त से कराएंगे जांच 
अगर हाथठेले पर रेत का सैंपल रखकर उसे बेचने का कार्य हो रहा है तो यह क्यों हो रहा है। इस बारे में पता लगाने के लिए संबंधित जोन के पुलिस उपायुक्त  से बातचीत कर मामले की जांच के आदेश देंगे। यह रेत कहां से आ रही है, इस बारे में पता लगाना जरूरी है। इसमें इस बात का भी पता लगाया जाएगा कि इससे राजस्व काे किस तरह का नुकसान हो रहा है।  - सुनील फुलारी, अपर पुलिस आयुक्त, नागपुर शहर
 

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