लोस-विस चुनाव एक साथ और महाराष्ट्र में अपना सीएम चाहती है शिवसेना : राउत 

लोस-विस चुनाव एक साथ और महाराष्ट्र में अपना सीएम चाहती है शिवसेना : राउत 

Bhaskar Hindi
Update: 2019-01-30 17:59 GMT
लोस-विस चुनाव एक साथ और महाराष्ट्र में अपना सीएम चाहती है शिवसेना : राउत 

डिजिटल डेस्क, मुंबई। केंद्र और प्रदेश में सत्ताधारी भाजपा की सहयोगी शिवसेना लोकसभा और विधानसभा चुनाव एक साथ चाहती है। शिवसेना सांसद संजय राउत ने कहा कि लोकसभा के साथ महाराष्ट्र विधानसभा का चुनाव होता है तो बेहतर होगा। राउत ने कहा कि एक साथ चुनाव सभी के लिए बेहतर होगा। चार-चार महीने में चुनाव कराने से अच्छा एक ही बार में चुनाव हो जाए। इससे सभी के चेहरे से नकाब उतर जाएगा। बहुत लोग नकाब पहनकर राजनीति करते हैं।

 

राउत ने कहा कि शिवसेना एक साथ और अलग-अलग चुनाव दोनों स्थितियों के लिए तैयार है। राउत ने संकेत दिया कि गठबंधन के लिए शिवसेना पहल नहीं करेगी। उन्होंने कहा कि भाजपा ने साल 2014 के विधानसभा चुनाव में गठबंधन तोड़ा था। अब जिसको गठबंधन करना होगा, वह सामने आएगा। राउत ने कहा कि आगामी चुनावों के लिए शिवसेना और भाजपा का गठबंधन नहीं हुआ है।

 

राउत ने कहा कि शिवसेना अपनी शर्तों पर राजनीति करेगी। पार्टी किसी के दवाब में नहीं आएगी। हम चाहते हैं कि महाराष्ट्र में शिवसेना का मुख्यमंत्री बने। पार्टी ने इस दिशा में काम शुरू कर दिया है। शिवसेना भले ही एक साथ चुनाव चाह रही है लेकिन भाजपा की तरफ से प्रदेश के राजस्व मंत्री चंद्रकांत पाटील पहले ही साफ कर चुके हैं कि लोकसभा और विधानसभा चुनाव अलग-अलग होंगे।

 

युति का प्रस्ताव ही नहीं, तो चर्चा कैसीः देसाई 

 

शिवसेना के वरिष्ठ नेता व राज्य के उद्योग मंत्री सुभाष देसाई ने साफ किया है कि फिलहाल भाजपा के साथ शिवसेना के गठबंधन का कोई प्रस्ताव नहीं है। ऐसे में सीट बंटवारे को लेकर चर्चा का सवाल ही नहीं उठता। उन्होंने कहा कि फिलहाल शिवसेना अकेले चुनाव लड़ने की दिशा में तैयारी कर रही है।

राजनीतिक गलियारों की चर्चाओं के अनुसार शिवसेना-भाजपा में आधी-आधी सीटों पर चुनाव लड़ने को लेकर सहमति बन गई है। पर देसाई इन चर्चाओं को कोरी अफवाह बताते हैं। उन्होंने कहा कि अभी तक भाजपा की तरफ से गठबंधन को लेकर कोई प्रस्ताव नहीं आया है। हालांकि देसाई ने कहा कि दोनों दलों में गठबंधन न हुआ तो इसका असर आगामी लोकसभा चुनाव पर पड़ेगा। दोनों  दलों को इसका नुकसान उठाना पड़ेगा। इसलिए यदि भाजपा को गठबंधन करना है, तो जल्द से जल्द प्रस्ताव भेजे।

 

 

 

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