भ्रम फैलाना पवार का शौक, महीने भर में सामने आ जाएगा सच : संजय राऊत

भ्रम फैलाना पवार का शौक, महीने भर में सामने आ जाएगा सच : संजय राऊत

Anita Peddulwar
Update: 2018-09-29 13:49 GMT
भ्रम फैलाना पवार का शौक, महीने भर में सामने आ जाएगा सच : संजय राऊत

डिजिटल डेस्क, मुंबई। राफेल विमान प्रकरण में NCP अध्यक्ष शऱद पवार का प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का बचाव तत्कालिक है। मोदी के प्रति पवार का यह रवैया ज्यादा दिनों तक टिकने वाला नहीं है। यह बात शिवसेना सांसद-प्रवक्ता संजय राऊत ने कही है। राऊत ने कहा कि शरद पवार का यह मत भाजपा व मोदी के लिए सिर्फ तत्कालीन मदद है। पवार का वास्तविक मत महिनाभर के भीतर सामने आ जाएगा। उन्होंने कहा कि पिछले चार वर्षों से ऐसा दिखाई दे रहा है कि मोदी जब मुश्किल में होते हैं, तो पवार उनके लिए बीच का रास्ता निकालते दिखाई देते हैं।

राऊत ने कहा कि भ्रम पैदा करना पवार का शौक है। राऊत ने अपने मित्र दल भाजपा को सलाह दी है कि बोफोर्स मामले को न भूले।  राऊत ने कहा कि 2014 के विधानसभा चुनाव के बाद महाराष्ट्र में भाजपा की सरकार बनाने के लिएNCP  का समर्थन देना पहले से तय था। प्रफुल पटेल की पहल पर NCP का भाजपा को समर्थन देना रणनीति का हिस्सा था। इन सबके बावजूद ऐसा नहीं लगता कि पवार मोदी के साथ जाएंगे।

मोदी से बड़े नेता बने राहुल 
शिवसेना सांसद ने कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी की तारीफ करते हुए कहा कि राफेल विमान खरीद मामले में जिस तरह राहुल गांधी सच्चाई सामने ला रहे हैं, उससे वे मोदी से बड़े नेता बन गए हैं। अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर उनको पहचाना जा रहा है। उन्होंने कहा कि राफेल को लेकर लोगों के मन में आशंका है। अब पवार के मोदी का पक्ष लेने से कोई फर्क पड़ने वाला नहीं है। राऊत ने सवाल किया कि राफेल विमान खरीद मामले में अन्य विपक्षी दल चुप क्यों हैं? उन्होंने कहा कि यह मामला फिलहाल प्राथमिक स्थिति में है। ऐसे में शिवसेना ने इस मामले में किसी को क्लिनचिट नहीं दिया है। इस मामले में शिवसेना जनभावना के साथ है।       
 
पवार ने नहीं दिया मोदी को क्लिनचिट: सुप्रिया सुले
NCP अध्यक्ष शरद पवार की बेटी पार्टी सांसद सुप्रिया सुले ने कहा है कि राफेल विमान प्रकरण में श्री पवार ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को क्लिनचिट नहीं दिया है। मीडिया ने उनकी बात का गलत अर्थ निकाला है। उन्होंने NCP सांसद तारिक अनवर के इस्तीफे को दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए कहा कि वे 20 वर्षों से पार्टी के साथ थे। उनको इस्तीफा देने से पहले एक बार पवार साहब से चर्चा तो करनी चाहिए थी।

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