सरकार बढ़ाएगी सरपंचों का मानदेय, फिलहाल मिलता हैं 600 रुपए महीना 

सरकार बढ़ाएगी सरपंचों का मानदेय, फिलहाल मिलता हैं 600 रुपए महीना 

Bhaskar Hindi
Update: 2017-12-07 14:40 GMT
सरकार बढ़ाएगी सरपंचों का मानदेय, फिलहाल मिलता हैं 600 रुपए महीना 

डिजिटल डेस्क, मुंबई। प्रदेश सरकार सरपंचों के मानदेय में बढ़ोतरी करेगी। साथ ही सरपंचों को पहचान पत्र भी दिया जाएगा। गुरुवार को राज्य की ग्रामीण विकास मंत्री पंकजा मुंडे ने मंत्रालय में आयोजित सरपंच दरबार में यह आश्वासन दिया। फिलहाल सरपंचों को हर माह 600 रुपए बतौर मानदेय मिलता है। पंकजा ने कहा कि हम सरपंचों का मानदेय बढ़ाने के लिए सकारात्मक रुप से विचार कर रहे हैं। सरकार के वित्त विभाग से चर्चा के बाद इस पर उचित फैसला लिया जाएगा। पहले सरंपच दरबार में लगभग 90 संरपचों ने हिस्सा लिया। जिसमें अकोला, नाशिक, उस्मानाबाद, सांगली समेत अन्य जिलों के सरपंच शामिल थे।

इसके साथ ही पंकजा मुंडे ने यह भी बताया कि गांवों में बीओटी (बिल्ड आॅपरेट ट्रांसफर) के तहत व्यापारी काम्प्लेक्स बनाने की अनुमति दी जाएगी। पंकजा ने कहा कि गांवों में सभी को आवास की सुविधा देने के लिए एसआरए (झोपड़पट्टी पुनर्वसन प्राधिकरण) योजना की तर्ज पर गांवों में लोगों को पक्के घर देने के लिए योजना तैयार की जाएगी। गांवों में लाभार्थी परिवारों को तीन-तीन मंजिला घर बनाने की अनुमति दी जाएगी। इसके अतिरिक्त इंदिरा आवास योजना के तहत अधूरे कामों को प्रधानमंत्री आवास योजना में समावेश करके पूरा किया जाएगा।

सरपंच दरबार में यह बोलीं पंकजा

  • गांवों में चारागाह की जमीन से अतिक्रमण हटाने के लिए यहां रह रहे लोगों को वैकल्पिक जगह दी जाएगी। अगले एक माह में सरकार इसको लेकर नीतिगत फैसला लेगी।
  • गांवों की अधूरी जलापूर्ति योजना को पूरा करने के लिए प्रदेश के जलापूर्ति व स्वच्छता मंत्री बबनराव लोणीकर के साथ बैठक की जाएगी। 
  • हर महीने के पहले गुरुवार को सरपंच दरबार का आयोजन किया जाएगा। अगले सरपंच दरबार में चार से पांच मुद्दों को चिन्हित करके उस पर ध्यान केंद्रीत  किया जाएगा।
  • सरपंच दरबार में संबंधित विभागों के मंत्रियों को भी बुलाया जाएगा, ताकि तुरंत समस्याओं का समाधान निकाला जा सके।


गृह जिले बीड़ से कम संरपच आने पर नाराजगी 

मंत्रालय में संरपचों को बुला करके सीधे उनसे संवाद साधने का अनूठा प्रयोग करने वाली पंकजा अपने गृह जिले बीड़ से कम सरंपच आने से नाराज नजर आईं। पंकजा ने सरंपच दरबार में जब कहा कि बीड़ से कम संरपच आए हैं, तो यह सुनते ही बीड़ के सरंपचों ने हाथ खड़ा किया। इस पर पंकजा ने कहा, "आप लोग तो देरी से आए हैं। मैं समझ गई ही देरी से आने वाली सरंपच बीड़ के ही हैं।" बता दें कि अकोला के पातुरनंदापुर के सरपंच भगवंतराव गवली ने सरपंचों के मानदेय बढ़ाने की मांग की थी।

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