MP: 4 साल की बच्ची से किया था दुष्कर्म, 2 मार्च को लटकाया जाएगा फांसी पर

MP: 4 साल की बच्ची से किया था दुष्कर्म, 2 मार्च को लटकाया जाएगा फांसी पर

Bhaskar Hindi
Update: 2019-02-03 11:36 GMT
MP: 4 साल की बच्ची से किया था दुष्कर्म, 2 मार्च को लटकाया जाएगा फांसी पर

डिजिटल डेस्क ,सतना। मध्यप्रदेश में एक बार फिर मासूम बच्ची के साथ दरिंदगी करने वाले आरोपी को फांसी की सज़ा सुनाई गई है। ताजा मामला सतना का है। जहां 4 साल की मासूम बच्ची के साथ दुष्कर्म करने वाले दरिंदे को दोषी करार देते हुए 81वें दिन में ही फांसी की सज़ा सुना दी गई है। नेता जी सुभाष चंद्र बोस सेंट्रल जेल में 2 मार्च को सजायाफ्ता के खिलाफ फांसी की सजा का वारंट पहुंचा है।

उल्लेखनीय है कि उचेहरा थाना क्षेत्र के परसमनिया में 4 साल की मासूम को अगवा कर दुष्कर्म करने के सनसनीखेज मामले में वारदात के 81 वें दिन अपर सत्र न्यायाधीश  नागौद की अदालत ने आरोप प्रमाणित पाए जाने पर दुष्कर्म के 27 वर्षीय आरोपी महेन्द्र सिंह गोंड़ पिता कोदूलाल उर्फ राजबहादुर निवासी पन्ना चौकी परसमनिया को फांसी की सजा सुना दी थी। पिछले साल एक जुलाई को रात 10 बजे वारदात के खुलासे के बाद ग्रामीणों ने इसी रात आरोपी को पकड़ कर उचेहरा पुलिस के हवाले कर दिया था।  मामले की जांच के लिए एसआईटी बनाई गई थी।  एक माह के अंदर ही उचेहरा पुलिस ने जिला एवं सत्र न्यायाधीश की अदालत में चार्जशीट पेश कर दी थी। अपर सत्र न्यायाधीश  नागौद की कोर्ट ने भी अगले ही दिन प्रकरण को ट्रायल पर ले लिया था और इस तरह से 19 सितंबर 2018 को दुष्कर्मी महेन्द्र सिंह गोंड़ को सजा-ए-मौत की सजा सुनाई गई।  इस मसले पर 25 जनवरी को एमपी हाईकोर्ट ने आरोपी की अपील को खारिज करते हुए फांसी की सजा बरकरार रखी। और, 2 फरवरी को  अपर सत्र न्यायाधीश  नागौद ने दुष्कर्मी के खिलाफ डेथ वारंट जारी करते हुए फांसी की सजा का वक्त भी मुकर्रर कर दिया। फांसी की सजा 2 मार्च को सुबह 5 बजे नेताजी सुभाषचंद्र बोस केंद्रीय कारागार जबलपुर में दी जाएगी।  जिले में सजा-ए-मौत का ये अब तक आठवां फैसला है।
दोनों दिन शनिवार-
ऐसा जन विश्वास है कि शनिदेव न्याय और दंड के देवता हैं। उनका दिन शनिवार है। मासूम के अपराधी महेन्द्र सिंह गोंड़ के साथ एक इत्तेफाक ये भी है कि अपर सत्र न्यायाधीश दिनेश शर्मा की अदालत ने 2 फरवरी को अपराधी के खिलाफ मृत्युदंड का फरमान ( डेथ वारंट ) जारी किया, उस दिन शनिवार था। इतना ही नहीं दुष्कर्मी को 2 मार्च को जिस दिन जबलपुर स्थित केंद्रीय करागार में फांसी की सजा दी जानी है, उस दिन भी शनिवार ही है।
जिंदगी और मौत के साढ़े 5 माह-
अपने घर में चैन की नींद सो रही महज 4 साल की मासूम को गंभीर हालत में एयर लिफ्ट कराते हुए तत्काल इलाज के लिए दिल्ली स्थित अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) में भर्ती कराया गया था।  एम्स में भर्ती पीडि़ता के बयान अदालत ने वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से दर्ज किए थे। जीवन और मौत के लगभग साढ़े 5 माह बाद पीडि़ता अंतत: दिसंबर माह के पहले हफ्ते में सकुशल घर लौटी।
एक नजर में-
वारदात: 1 जुलाई 2018
परसमनिया, थाना उचेहरा
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चार्जशीट पेश: 3 अगस्त 2018
जिला एवं सत्र न्यायाधीश की अदालत
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ट्रायल शुरु: 4 अगस्त 2018
अपर सत्र न्यायाधीश ,नागौद की कोर्ट
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 फांसी की सजा:19 सितंबर 2018
अपर सत्र न्यायाधीश ,नागौद की कोर्ट
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सेंट्रल जेल जबलपुर में शिफ्ट: 20 सितंबर 2018
 बंद था नागौद उप जेल में
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हाईकोर्ट में भी पुष्टि: 25 जनवरी 2019
दुष्कर्मी की याचिका खारिज
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डेथ वारंट जारी: 2 फरवरी 2019
जबलपुर भेजा गया मृत्युदंड का वारंट
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और, अब  फांसी:2 मार्च को सुबह 5 बजे  
 सेंट्रल जेल जबलपुर में

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