LED लाइट खरीदी में करोड़ों का घोटाला, जांच शुरू, जल्द आ सकता है फैसला

LED लाइट खरीदी में करोड़ों का घोटाला, जांच शुरू, जल्द आ सकता है फैसला

Anita Peddulwar
Update: 2018-09-21 08:20 GMT
LED लाइट खरीदी में करोड़ों का घोटाला, जांच शुरू, जल्द आ सकता है फैसला

डिजिटल डेस्क, नागपुर। जिले की ग्राम पंचायतों में एलईडी लाइट खरीदी में करोड़ों रुपए का घोटाला सामने आया है। अतिरिक्त मुख्य कार्यकारी अधिकारी अंकुश केदार की अध्यक्षता में कमेटी गठित कर जांच की जा रही है।  सभी ग्रामसेवकों के खुलासे जांच कमेटी को मिल चुके हैं। जांच की गति तेज होने से ग्रामसेवकों की धड़कनें बढ़ गई हैं। एक सप्ताह में कमेटी द्वारा जांच रिपोर्ट सीईओ को सौंपे जाने की संभावना है।

किया जा रहा निरीक्षण
वित्तीय वर्ष 2015-2016 और 2016-2017 में जिले की अनेक ग्राम पंचायतों में एलईडी लाइट खरीदी गई। लाइट खरीदी में 325 ग्राम पंचायतों पर घोटाले के अारोप लगाए गए। जिला परिषद की आमसभा में सदस्यों ने आवाज उठाकर जांच की मांग की थी। तत्कालीन सीईओ डॉ. कादंबरी बलकवड़े ने कमेटी गठित कर जांच के आदेश दिए थे। जांच पूरी होने से पहले ही उनका तबादला हो गया।  उनकी जगह नए सीईओ संजय यादव ने पदभार संभाला। उनके कार्यभार संभालने के बाद पहली आमसभा में जिप सदस्यों ने प्रश्न उपस्थित कर जांच में लापरवाही बरते जाने के आरोप लगाए। सदस्यों के आरोपों को गंभीरता से लेकर सीईओ यादव ने जांच कमेटी को 15 दिन में रिपोर्ट पेश करने के आदेश दिए। इसके बाद कमेटी ने जांच की गति तेज कर दी। घोटोले के आरोप में लिप्त ग्रामसेवकों से खुलासे मंगवाए गए। सभी खुलासों का गहन निरीक्षण किया जा रहा है। सूत्रों से जानकारी मिली है कि घोटाले के आरोपों से जूझ रही अधिकांश ग्राम पंचायतों के ग्रामसेवक दोषी पाए गए हैं।

ग्रामसेवकों से होगी वसूली
एलईडी लाइट घोटाले में अनेक ग्राम पंचायतों में ग्रामसेवक और सरपंचों की लिप्तता पाई गई है। सार्वजनिक निधि का दुरुपयोग किए जाने से अतिरिक्त कीमत दिखाकर हड़प किया गया निधि पहले ग्रामसेवकों से वसूल करने को प्राथमिकता दी जाएगी। इसके बाद नियम के अनुसार कार्रवाई प्रस्तावित की जाएगी। घोटाले की रकम और अपनाए गए हथकंडों के अनुसार कार्रवाई का स्वरूप अलग-अलग रहेगा।

जांच पूरी कर कार्रवाई होगी
एलईडी लाइट घोटाले के आरोप लगाए गए सभी ग्राम पंचायतों के ग्रामसेवकों से खुलासे मंगवाए गए हैं। एक-एक प्रकरण की व्यक्तिगत जांच की जा रही है। दोषी पाए जाने वालाें के खिलाफ नियम के अनुसार कार्रवाई की जाएगी।
(अंकुश केदार, अतिरिक्त मुख्य कार्यकारी अधिकारी, जिला परिषद)

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