मेडिट्रिना अस्पताल में घोटाला, संचालक के खिलाफ करोड़ों के गबन का केस

मेडिट्रिना अस्पताल में घोटाला, संचालक के खिलाफ करोड़ों के गबन का केस

Anita Peddulwar
Update: 2019-01-23 07:28 GMT
मेडिट्रिना अस्पताल में घोटाला, संचालक के खिलाफ करोड़ों के गबन का केस

डिजिटल डेस्क, नागपुर। अब निजी हास्पिटलों में भी घोटाला सामने आने लगा है। नामी मेडिट्रिना अस्पताल के आरोपी संचालक समेत अन्य के खिलाफ बर्डी थाने में प्रकरण दर्ज किया गया है।  प्रकरण के अनुसार अस्पताल के दूसरे संचालक और सरकार की विविध योजनाओं के भी करोड़ों रुपए संचालक ने डकार लिए हैं। प्रकरण में और भी लोगों के नाम शामिल हैं। अपराध शाखा के आर्थिक विभाग को जांच सौपी गई है। रामदासपेठ में मेडिट्रीना इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंस नाम से नामी अस्पताल है। इसके संचालक समीर नारायण पालतेवार हैं।

अस्पताल निर्माण में शिकायतकर्ता गणेश चक्करवार (58) के भी करोड़ों रुपए लगे हुए हैं। इसमें उनकी भी भागीदारी है, लेकिन अस्पताल की पूरी जिम्मेदारी डॉक्टर समीर पालतेवार के ही कंधों पर है। इसी का लाभ उठाकर उन्होंने करोड़ों रुपए का गबन किया है। 19 फरवरी 2012 से अभी तक समीर ने अस्पताल के दूसरे संचालक गणेश को कभी इसके आर्थिक व्यवहार की जानकारी नहीं दी। जानकारी के अनुसार, समीर ने गणेश को करीब 4 करोड़ रुपए से चूना लगाया है। इसके अलावा राजीव गांधी स्वास्थ्य योजना, महात्मा फुले जीवनदायी योजना का पैसा भी डॉक्टर समीर और घोटाले में लिप्त अस्पताल के अन्य लोगों ने डकार लिया है। इससे यह घोटाला 5 से 6 करोड़ तक जाने की आशंका व्यक्त की जा रही है। खुलासा होते ही आर्थिक विभाग के दस्ते ने अस्पताल में दस्तक दी। डॉक्टरों समेत अस्पताल के कुछ लोगों से पूछताछ की और कुछ रिकॉर्ड भी जब्त किए। मामले में और भी गंभीर खुलासे की संभावना है। 

कोरे वाउचर पर हस्ताक्षर 
घोटाले को छिपाने के लिए रिकार्ड में भारी गड़बड़ी की गई है। डॉक्टर समीर ने कोरे वाउचर पर हस्ताक्षर कर अलग-अलग कारण बताते हुए रुपए निकाले और खुद ही हजम कर गए। उल्लेखनीय है कि कभी भी, कोई भी अस्पताल प्रबंधन उपचार के लिए लिया गया मरीजों का रुपया उन्हें वापस नहीं करता है, लेकिन घोटाले को अंजाम देने के लिए डॉ.समीर ने मरीजों को उनका रुपया वापस करने का इसमें जिक्र किया है। स्वास्थ्य सेवा लेने वाले विविध सरकारी विभागों के कर्मचारियों को भी चूना लगाया गया है। 
 

 

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