खोखली नींव पर बन रहा एक करोड़ का स्कूल भवन, क्या होगा भविष्य

खोखली नींव पर बन रहा एक करोड़ का स्कूल भवन, क्या होगा भविष्य

Bhaskar Hindi
Update: 2019-01-31 09:10 GMT
खोखली नींव पर बन रहा एक करोड़ का स्कूल भवन, क्या होगा भविष्य

डिजिटल डेस्क,नरसिंहपुर। किसी भी इमारत की मजबूत नींव ही भवन को बर्षो तक यथा स्थान खड़ा रखती है, लेकिन करेली के नजदीकि ग्राम आमगांव बड़ा में बनने वाली हायर सेंकेंडरी स्कूल की बिल्डिंग की नींव ही खोखली कर दी गयी है या यूं कहें कि खोखली नींव पर बिल्डिंग का निर्माण किया जा रहा है। बिल्डिंग के लिए बनाए गए पिल्लर गलत हो जाने से उनकी जगह नए पिल्लर न बनाकर उन्हें ही खोदकर सही जगह स्थानांतरित कर दिया है। अधिकारियों की उदासीनता और ठेकेदार की गलती को छुपाने के लिए यहां चल रहा निर्माण में मिलीभगत से आने वाले दिनों में बिल्डिंग के बेहतर भविष्य के साथ इसमें पढऩे वाले बच्चों के भविष्य पर हमेशा बिल्डिंग गिरने का खतरा मंडराता रहेगा।
 

कैसे रहेगी भवन में मजबूती
आमगांव बड़ा में शासकीय स्कूल और नदी किनारे 1 करोड़ की लागत से बन रहा नवनिर्मित स्कूल भवन भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ रहा है। ठेकेदार की गलती और विभागीय निरीक्षण की कमी का नतीजा यह है कि निर्माण स्थल पर हुए करीब 8 पिल्लर गलत हो गये हैं जिसके बाद इन्हें सही स्थान पर नये पिल्लर न कराकर पुराने पिल्लरों को ही खोदकर दूसरी जगह स्थानांतरित किया जा रहा है। जिससे आने वाले दिनों में भवन की मजबूती भगवान भरोसे ही रहेगी।
 

पुराने पिल्लरों पर नया भवन
जब पूरे मामले की छानबीन की गयी तो पीआईयू के जिम्मेदार अधिकारियों ने बताया कि भवन के कुछ पिल्लर लेआउट के अनुसार नही हुए थे। जिसके लिए जिम्मेदार ठेकेदार को उन्हे तोडकर नये पिल्लर बनाने के आदेश दिए गये, परन्तु ठेकेदार द्वारा नुकसान की भरपाई करने के लिए डिसमेंटल पिल्लरों को खोदकर चिंहित स्थानों पर स्थानांतरित किया जा रहा है। जिससे भविष्य में दुर्घटना की संभावना बनी रहेगी।
 

विभागीय निरीक्षण की कमी
एक ओर भवन निर्माण ठेकेदार गलत लेआउट मिलने की बात कर रहा है। वही विभाग जानकारी होने पर पुराने पिल्लरों को तोडने का हवाला देता है, परन्तु निर्माण स्थल पर दो महिने से चल रहे निर्माण का निरीक्षण न होना उसके बाद डिसमेंटल हुए पिल्लरों का निरीक्षण और नये हो रहे पिल्लरों के निर्माण के  निरीक्षण की पूर्ण जबावदारी संबंधित विभाग और अधिकारियों की ही होती है। ऐसे में समय पर निरीक्षण न होना विभागीय मिलीभगत साफ उजागर होती है।
 

इनका कहना है
मुझे ड्राईंग का लेआउट गलत मिला था इसलिए कुछ पिल्लर गलत हुए थे जिनका संशोधन किया जा रहा है। - आरएस कटारे, ठेकेदार

जानकारी मिलते ही लेआउट अनुसार काम न होने पर संबंधित ठेकेदार को गलत हुए पिल्लरों को डिसमेंटल के निर्देश दिए गये हैं। उन्हीं पिल्लरों को पुन: नहीं लगाया जा सकता।

- बीआर जगदेव, डिस्ट्रिक प्रोजेक्ट इंजीनियर पीआईयू

 

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