परीक्षा केंद्रों पर पड़ी है उत्तरपुस्तिकाएं, सुरक्षा नदारद

परीक्षा केंद्रों पर पड़ी है उत्तरपुस्तिकाएं, सुरक्षा नदारद

Anita Peddulwar
Update: 2020-04-01 12:38 GMT
परीक्षा केंद्रों पर पड़ी है उत्तरपुस्तिकाएं, सुरक्षा नदारद

डिजिटल डेस्क.नागपुर। कोरोना संक्रमण की आशंका के चलते स्थगित की गई 10वीं कक्षा की बोर्ड परीक्षाओं में एक बड़ी लापरवाही सामने आई है। परीक्षा के मद्देनजर बोर्ड द्वारा विविध परीक्षा केंद्रों पर उत्तरपुस्तिकाएं और अन्य जरुरी सामग्री पहुंचाई गई थी। 14 मार्च को हुए इतिहास के पेपर समेत अन्य कुछ पेपर की हल की हुई उत्तर पुस्तिकाएं परीक्षा केंद्रों पर ही पड़ी है। इसकी सुरक्षा की जिम्मेदारी केंद्र संचालक और परिरक्षकों की होती है। लेकिन वे भी लॉकडाउन के कारण अपने घरों से बाहर नहीं निकल पा रहे है। ऐसे में लॉकडाऊन में यह सामग्री परीक्षा केंद्रों पर बगैर किसी सुरक्षा परीक्षा केंद्रों पर है। इतने संवेदनशील साहित्य का इस तरह रखा होना शिक्षा वर्ग के लिए चिंता का विषय बना हुआ है।

लॉकडाउन में संपूर्ण देश में संचारबंदी लागू है। शिक्षा विभाग ने पहली से 8वीं कक्षा तक की सभी परीक्षाएं रद्द करके विद्यार्थियों को छुट्टियां दे दी है। राज्य शिक्षा मंडल, सीबीएसई समेत सभी परीक्षा बोर्डों ने अपनी शेष परीक्षाएं भी स्थगित कर दी है। राज्य शिक्षा मंडल का दसवी का एक मात्र भूगोल का पेपर जो 23 मार्च को होने वाला था, उसे भी स्थगित कर दिया गया। लेकिन इसके पहले 14 मार्च को हुए इतिहास के पेपर और अन्य विषयों की उत्तरपुस्तिकाएं यूं ही परीक्षा केंद्रों पर है। इसमें से कुछ उत्तरपुस्तिकाएं डाक विभाग के पास पड़ी है। जिन शिक्षकों की इस बाबत जिम्मेदारी है, उन्हें घरों से निकलने की फिलहाल छूट नहीं है। मामले में बोर्ड के विभागीय अध्यक्ष रविकांत देशपांडे ने कहा है कि परीक्षा केंद्र पर उत्तरपुस्तिकाएं रखी है, यह बात सच है। लेकिन चिंता का कोई कारण नहीं है। उनकी सुरक्षा का पूरा ध्यान रखा जा रहा है।

शिवाजी शिक्षा संस्था ने cm फंड में दिए 51 लाख रुपए 
शहर के शिवाजी सायंस कॉलेज की संचालक शिवाजी शिक्षा संस्था ने कोरोना से निपटने के लिए मुख्यमंत्री राहत कोष में 51 लाख रुपए की मदद की है। हाल ही संस्था अध्यक्ष हर्षवर्धन देशमुख, सचिव शेषराव खाडे और कोषाध्यक्ष दिलीप इंगोले ने अमरावती में जिलाधिकारी को यह चेक सौंपा।

बता दें कि प्रदेश में कोरोना के सर्वाधिक मामले सामने आए हैं। जिससे निपटने के लिए सरकारी महकमा जुटा है। इसमें एक बड़ी रकम खर्च हो रही है। वहीं लॉकडाऊन के कारण भी सरकारी तिजोरी को बड़ा फटका बैठा है। इस सबके बीच विविध संस्थाएं और व्यक्ति सरकार की मदद के लिए आगे आ रहे है। शिवाजी शिक्षा संस्था प्रदेश की सबसे बड़ी शिक्षा संस्थाओं में से एक है। जिसके नागपुर समेत प्रदेश भर में कॉलेज चलते है।

संस्था के सदस्य हेमंत कालमेघ ने बताया कि हाल ही में उच्च शिक्षा संचालक धनराज माने ने सभी शिक्षा संस्थानों को सरकार की आर्थिक मदद का आव्हान किया था। उनसे एक दिन का वेतन देने की गुजारिश की गई थी। जिसके लिए सभी कर्मचारी और शिक्षक एक स्वर में राजी हुए। जिसके बाद शिवाजी शिक्षा संस्था ने 51 लाख रुपए मदद स्वरूप देने का निर्णय लिया। संस्था के विधि प्रतिनिधि एड.कुलदीप महल्ले ने बताया कि उच्च शिक्षा संचालक के अलावा नागपुर खंडपीठ भी अपने हालियां फैसले में विविध संस्थाओं से सरकार की आर्थिक मदद करने की अाव्हान कर चुकी है। ऐसे में संस्थान ने यह निर्णय लिया है। इससे निश्चित तौर पर कोरोना की लड़ाई में मदद होगी।

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