EPF खाते के साथ आधार कार्ड व बैंक खाता लिंक होने से मिली सुरक्षा
EPF खाते के साथ आधार कार्ड व बैंक खाता लिंक होने से मिली सुरक्षा
डिजिटल डेस्क, नागपुर। असंगठित क्षेत्र में काम करने वाले देश के लाखों कामगारों के लिए अच्छी खबर है। ईपीएफ खाते के साथ आधार कार्ड और बैंक खाता लिंक होने पर अब ठेकेदार बदलने के बावजूद कामगारों की जारी सेवा खंडित नहीं होगी। पहले आधार कार्ड और बैंक खाता लिंक नहीं होने के कारण ठेकेदार बदलते ही कामगारों की सेवा खंडित हो जाती थी, जिससे कामगारों को पेंशन सहित विभिन्न प्रकार के लाभों से वंचित रहना पड़ता था।
रिकार्ड रहेगा कायम
कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) में पंजीकृत कामगारों को यूनिवर्सल अकाउंट नंबर (यूएएन) मिला हुआ है। कामगार का यह खाता नंबर कभी नहीं बदलेगा। इससे कामगार का आधार कार्ड, बैंक खाता नंबर और पैन नंबर भी लिंक कर दिया गया है। अब एक ठेकेदार बदलने के बाद जब दूसरा ठेकेदार काम लेगा, तो कामगार का नाम नए सिरे से जो़ड़ने की जरूरत नहीं पड़ेगी। कामगार की सेवा वरियता कायम रहेगी। लगातार 10 साल तक सेवारत रहने पर कामगार पेंशन का हकदार बनता है। सेवानिवृत्ति के पहले नौकरी छोड़ने पर 50 साल आयु पूरी होने के बाद पेंशन मिलने लगता है। यूएएन के साथ आधार, पैन और बैंक खाता लिंक होने के कारण कामगार चाहकर भी ईपीएफआे से पूरी राशि नहीं निकाल सकता। इससे कामगार का रिकार्ड कायम रहता है और दूसरे ठेकेदार के पास नौकरी करने पर भी सारा रिकार्ड इसी खाते में दर्ज होता है। इसके कारण नौकरी अबाधित दिखाई देती है। इस तरह बिना खंडित सेवा की 10 साल की शर्त पूरी हो सकती है।
पहले थी यह व्यवस्था
पहले यूएएन के साथ आधार, पैन व बैंक खाता नंबर लिंक नहीं होता था। कंपनी बदलने पर ईपीएफआे का नंबर बदल जाता था। दूसरी कंपनी में जाने पर पुराने कंपनी की तरफ से ईपीएफआे में जमा खाते से पूरी राशि निकाली जा सकती थी। इस तरह पुराना रिकार्ड बंद होकर नए खाता नंबर में नई सेवा शुरू होती थी जिससे वरियता खत्म हो जाती थी। सेवा खंडित होने से पेंशन के लाभ से वंचित रहना पड़ता था। निजी कंपनियों में ठेकेदारों के माध्यम से काम हो रहे हैं। तीन-चार साल में ठेकेदार बदलते रहते हैं। नई व्यवस्था से ठेकेदार या कंपनी बदलने का असर कामगार की वरियता पर नहीं पड़ेगा।
नौकरी जारी है, तो खंडित नहीं होगी
कामगारों का यूएएन स्थायी है। कामगारों का आधार कार्ड व बैंक खाता लिंक है। कामगार अगर बिना ब्रेक के नौकरी करता है, तो ठेकेदार या कंपनी बदलने का असर उसकी वरियता पर नहीं होगा। ठेकेदार या कंपनी बदलने के बावजूद लगातार सेवा जारी है, तो सेवा खंडित नहीं हेागी। इसका लाभ कामगारों को पेंशन सहित अन्य मदों में मिलता है। -गोविंद शर्मा, आयुक्त, ईपीएफओ नागपुर.