15 जनवरी तक हो जाएगा अंग्रेजी स्कूलों के लिए आदिवासी बच्चों का चयन

15 जनवरी तक हो जाएगा अंग्रेजी स्कूलों के लिए आदिवासी बच्चों का चयन

Tejinder Singh
Update: 2018-11-15 16:30 GMT
15 जनवरी तक हो जाएगा अंग्रेजी स्कूलों के लिए आदिवासी बच्चों का चयन

डिजिटल डेस्क, मुंबई। आदिवासी बच्चों को प्रदेश के प्रसिद्ध अंग्रेजी माध्यम के आवासीय स्कूलों में पढ़ाने के लिए विद्यालयों का चयन 15 जनवरी तक कर लिया जाएगा। इसके बाद राज्य सरकार के आदिवासी विभाग के अफसर संबंधित स्कूलों में जांच के लिए जाएंगे। गुरुवार को आदिवासी विभाग के एक अधिकारी ने यह जानकारी दी।

अधिकारी ने कहा कि आदिवासी बच्चों को पढ़ाने के लिए राज्य के प्रसिद्ध अंग्रेजी माध्यम के आवासीय स्कूलों की चयन प्रक्रिया अप्रैल और मई महीने में शुरू की जाती थी। लेकिन उस समय गर्मी की छुट्टी होने से स्कूल बंद रहते हैं। इससे आवासीय स्कूलों के चयन प्रक्रिया में देरी होती थी। इसके मद्देनजर आदिवासी विभाग ने अगले शैक्षणिक वर्ष 2019-20 के लिए अभी से तैयारी शुरू कर दी है। इसके लिए अंग्रेजी माध्यम के आवासीय स्कूलों से आवेदन मंगाए गए हैं।

अधिकारी ने बताया कि राज्य के 175 प्रसिद्ध अंग्रेजी माध्यम के आवासीय स्कूलों में 55 हजार विद्यार्थी पढ़ रहे हैं। सरकार आवासीय स्कूलों में विद्यार्थियों को पढ़ाने के लिए प्रति छात्र 50 हजार से 70 हजार रुपए खर्च करती है। राज्य में आदिवासी जनसंख्या 8.85 प्रतिशत है। आदिवासी समाज में साक्षरता पुरुषों में 67 और महिलाओं में 43.1 प्रतिशत है। उच्च शिक्षा अंग्रेजी में होने के कारण आदिवासी बच्चे ज्यादा पढ़ाई नहीं कर पाते हैं। इसलिए सरकार की तरफ से आदिवासी समाज के बच्चों को प्रसिद्ध अंग्रेजी माध्यम के स्कूलों में पढ़ाने की योजना शुरू की गई है।

आदिवासी समाज के जिन अभिभावकों की वार्षिक आय एक लाख रुपए तक हैं, उनके बच्चों को इस योजना का लाभ मिलता है। आघाड़ी सरकार ने साल 2009 में 2500 आदिवासी बच्चों को अंग्रेजी माध्यम में पढ़ाने का लक्ष्य रखा था। लेकिन प्रदेश भाजपा सरकार ने 25 हजार विद्यार्थियों को पढ़ाने का लक्ष्य निर्धारित किया।

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