यूनिवर्सिटी की बैठक का सीनेट सदस्यों ने किया बहिष्कार
यूनिवर्सिटी की बैठक का सीनेट सदस्यों ने किया बहिष्कार
डिजिटल डेस्क, नागपुर । एकेडमिक आतंकवाद व मीडिया बैन को लेकर सीनेट सदस्यों ने बैठक से बायकट किया। राष्ट्रसंत तुकडोजी महाराज नागपुर विश्वविद्यालय की सीनेट की बैठक बुधवार को प्रशासकीय परिसर में शुरू हुई और शुरू होते ही सदस्यों ने विरोध शुरू कर दिया । नागपुर यूनिवर्सिटी में बीते कुछ समय से कुलगुरु डॉ. सिद्धार्थविनायक काणे से जुड़े कई विवाद चल रहे हैं, जिसके बीच इस बैठक में होने वाले फैसलों पर शिक्षा वर्ग का विशेष ध्यान लगा था लेकिन सदस्यों के बायकट करने से माहौल गरमा गया।
दरअसल सीनेट सदस्यों का आरोप है कि यूनिवर्सिटी में उनकी आवाज दबाई जा रही है और कुलगुरु डॉ. सिद्धार्थविनायक काणे एकाधिकार स्थापित करना चाहते हैं। नियमानुसार उन्हें बैठक में उपस्थित करने के लिए प्रश्न भेजने होते हैं। इस बार यूनिवर्सिटी ने उनके द्वारा भेजे गए प्रश्नों पर कैंची चलाते हुए उनमें से कई मुद्दे बैठक के एजेंडे में शामिल नहीं किए हैं। इसी तरह प्रश्नों पर चर्चा के लिए समय में भी कटौती की है। वहीं कुलगुरु द्वारा हाल ही में यूनिवर्सिटी को एकेडमिक आतंकवाद का अड्डा बताए जाने को लेकर मौजूदा व पूर्व प्राधिकरण के सदस्यों द्वारा उनकी आलोचना की जा रही है।
संगठन का आरोप, कुलगुरु राजनीति पर उतर आए
कुलगुरु के उलजुलूल बयानों और कार्यशैली को उनकी मनमानी बताते हुए अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद ने उसे उनकी मनमानी करार दिया है। संगठन के अनुसार कुलगुरु अब राजनीति पर उतर आए हैं और राजनेताओं की जुबान बोल रहे हैं। उनके बयान से यूनिवर्सिटी की प्रतिमा मलिन हुई है। उनकी यह मनमानी सहन नहीं की जाएगी। सीनेट सदस्यों के प्रश्नों पर चलाई गई कैंची पर भी संगठन ने सख्त एतराज जताया है। संगठन ने कुलगुरु से माफी मांगने या फिर इस्तीफा देने की मांग की है।