नम आंखों से दी शहीद को विदाई...सदा के लिए सो गया धुनपुरी का सपूत

नम आंखों से दी शहीद को विदाई...सदा के लिए सो गया धुनपुरी का सपूत

Bhaskar Hindi
Update: 2018-12-10 14:03 GMT
नम आंखों से दी शहीद को विदाई...सदा के लिए सो गया धुनपुरी का सपूत

डिजिटल डेस्क, शहडोल। शहीदों की चिताओं पर लगेंगे हर बरस मेले, वतन पर मरने वालों का यही बाकी निशा होगा...। धनपुरी के अमर सपूत शहीद सुशील सिंह को हजारों लोगों ने नम आंखों से विदाई दी। शहीद के अंतिम संस्कार में न केवल उसके गांव के लोग, बल्कि आस-पास के गांवों के लोग भी शामिल हुए। सभी शहीद की एक झलक देखना चाहते थे।

वंदे मातरम स्वर के साथ निकली अंतिम यात्रा
जिले के अमर सपूत धनपुरी निवासी शहीद सुशील सिंह को सोमवार को धनपुरी नगर एवं आसपास के क्षेत्र के हजारों लोगों ने अश्रुपूर्ण आखों से अंतिम विदाई दी। शहीद की अंतिम यात्रा धनपुरी स्थित उनके पैतिृक आवास से निकली जो वंदे मातरम के जयकारों के साथ धनपुरी नगर के विभिन्न वार्डों से होती हुई अंत्येष्टि स्थल बरगवां सोन नदी के तट पर पहुंची।

कलेक्टर ने दी श्रद्धांजलि
इसके पूर्व कलेक्टर अनुभा श्रीवास्तव ने शहीद सैनिक के आवास पहुंच कर परिजनों से मिलकर सांत्वना दी और ढाढ़स बंधाया। कलेक्टर ने शहीद सैनिक के पार्थिव देह पर पुष्पचक्र अर्पित कर श्रद्धांजलि दी और गहरा शोक व्यक्त किया। दिवंगत शहीद के पार्थिव शरीर को लेने के लिए कलेक्टर अनुभा श्रीवास्तव और एसपी कुमार सौरभ देर रात तक धनपुरी में मौजूद रहे।

सम्मान के साथ हुआ अंतिम संस्कार
अंत्येष्टि स्थल पर शहीद सैनिक के सम्मान में पुलिस के जवानों द्वारा गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया। अंत्येष्टि स्थल पर अपर कलेक्टर अशोक ओहरी, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक प्रवीण सिंह, मुख्य नगरपालिका अधिकारी रविकरण त्रिपाठी सहित काफी संख्या में लोग मौजूद थे।

आज ही के दिन निकली थी बारात
पारिवारिक सूत्रों ने बताया कि आज के ही दिन तीन साल पहले सुशील की बारात गाजे-बाजे के साथ बिहार के कंदीवाड़ा रवाना हुई थी। 10 दिसंबर को बारात वापस लौटी थी। शादी की दूसरी साल गिरह पर सुशील अपने घर धनपुरी में था और पत्नी व बेटी नव्या के साथ केक काटा था। नियति का खेल कि तीसरी साल गिरह की खुशियां मनाने की तैयारियां हो रही थी कि उनके शहीद होने की खबर आ गई।

खाई में गिर गया था वाहन
BSF में सैनिक के रूप में मिजोरम में तैनात धनपुरी के रेलवे कालोनी निवासी सुशील कुमार सिंह की मौत वाहन समेत खाई में गिरने के कारण हुई थी। राजकीय सम्मान के साथ शहीद का अंतिम संस्कार बरगवां के सोन घाट में किया गया।

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