मोदी को मालूम है पाकिस्तान कभी भारत का मित्र नहीं बन सकता : संजय राऊत

मोदी को मालूम है पाकिस्तान कभी भारत का मित्र नहीं बन सकता : संजय राऊत

Anita Peddulwar
Update: 2018-08-12 12:43 GMT
मोदी को मालूम है पाकिस्तान कभी भारत का मित्र नहीं बन सकता : संजय राऊत

डिजिटल डेस्क, मुंबई। शिवसेना सांसद संजय राउत ने कहा कि पाकिस्तान कभी भारत का मित्र नहीं बन सकता। राउत ने कहा कि यह बात प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भी मालूम है कि पाकिस्तान और भारत की दोस्ती नहीं हो सकती है। लेकिन राजशिष्टाचार के कारण किसी देश में नया प्रधानमंत्री चुने जाने के बाद बधाई देनी पड़ती है। चाहे वह दुश्मन ही क्यों न हो। पर पाकिस्तान चुनाव के बाद जब से प्रधानमंत्री के रूप में इमरान खान चुने गए हैं तब से कश्मीर में हिंसा बढ़ी है। हमारे देश के जवान शहीद हो रहे हैं। हमें लगता है कि मोदी के पास इस बारे में जानकारी होगी। रविवार को पत्रकारों से बातचीत में राउत ने पूर्व क्रिकेटर और पंजाब सरकार में कांग्रेस के मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू के पाकिस्तान के प्रधानमंत्री खान के शपथ ग्रहण समारोह में जाने के फैसले को लेकर निशाना साधा है।

राउत ने कहा कि सिद्धू को पाकिस्तान में जाने से पहले अपने ही देश के शहीदों के घर जाना चाहिए। सिद्धू को सबसे पहले कश्मीर में आतंकवादियों से लड़ते हुए शहीद हुए मुंबई के रहने वाले मेजर कौस्तुभ राणे के घर पर जाना चाहिए। राणे के माता-पिता, पत्नी और बच्चे से मिलना चाहिए। उनसे मिलने के बाद यदि सिद्धू के मन को तसल्ली मिलती है तो वो पाकिस्तान में जाने के बारे में सोचें। एक सवाल के जवाब में राउत ने कहा कि देश में हिंदू आंतकवाद नाम की कोई चीज नहीं है। उन्होंने कहा कि यदि हिंदुओं को आंतकवादी हमले करना होता तो वह कभी के कर चुके होते। जिस तरह से कश्मीर में कश्मीरी पंडितों और आसाम में हिंदुओं के खिलाफ हमले हो रहे हैं।

हिंदुओं की सरकार होने के बावजूद कश्मीर में हिंदुओं को कोई बचा नहीं पाया। इस दौरान राउत ने बीते एक साल में एक करोड़ लोगों को रोजगार देने के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दावे पर पलटवार किया है। राउत ने कहा कि प्रधानमंत्री ने कहा है कि एक साल में एक करोड़ लोगों को रोजगार मिला है। यह मोदी के मन की बात है। यदि एक करोड़ लोगों को सच में रोजगार मिला है तो उसमें से कम से कम एक लाख लोगों को सामने आकर कहना चाहिए कि उन्हें रोजगार दिया गया। क्योंकि लेकिन नौकरियों के बारे में लोगों में आशंका है। मैं मुंबई में रहता हूं लोग यहां पर रोजगार के लिए तरस रहे हैं।

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