खत्म हुई सपा की पारिवारिक कलह, पार्टी के महासचिव बन सकते हैं शिवपाल

खत्म हुई सपा की पारिवारिक कलह, पार्टी के महासचिव बन सकते हैं शिवपाल

Bhaskar Hindi
Update: 2018-05-09 06:47 GMT
खत्म हुई सपा की पारिवारिक कलह, पार्टी के महासचिव बन सकते हैं शिवपाल

डिजिटल डेस्क, लखनऊ। यूपी विधानसभा चुनावों के दौरान शुरू हुई समाजवादी पार्टी (सपा) की पारिवारिक कलह खत्म होने की कगार पर है। शिवपाल सिंह यादव को जल्द ही समाजवादी पार्टी में एक बड़ी जिम्मेदारी मिलने वाली है। खबर है कि शिवपाल पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव बनाए जा सकते हैं। दरअसल चुनाव के दौरान सत्ता को लेकर हुए झगड़े के बाद प्रदेश अध्यक्ष रहे शिवपाल यादव को पार्टी से किनारे कर दिया गया था लेकिन अब फिर से सपा अन्य दलों के साथ की पारिवारिक रूप से एकजुट होने की कोशिश में जुट गई है। 

 

 

चुनाव के दौरान दरकिनार कर दिए गए थे शिवपाल

शिवपाल सिंह भी पार्टी के सर्वोच्च नेता मुलायम सिंह यादव और उनके बेटे सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव के साथ मिलकर काम करने के लिए तैयार हो गये हैं। अखिलेश यादव भी चाचा शिवपाल को पार्टी में बड़ी भूमिका देने को तैयार हैं। बता दें कि जसवंत नगर से पार्टी के विधायक शिवपाल यादव ने यूपी विधानसभा चुनाव के समय अखिलेश यादव के कांग्रेस के साथ गठबंधन के फैसले का सार्वजनिक तौर पर विरोध किया था। हालांकि मुलायम सिंह ने शिवपाल का साथ दिया था। इसके बावजूद भी शिवपाल को पार्टी से दरकिनार कर उन्हें सभी पदों से हटा दिया गया था।

 

 

लोकसभा चुनाव से पहले एकजुट होने की कवायद 

जानकारी के मुताबिक लोकसभा चुनाव से पहले परिवार को एकजुट करने पर सहमति बन चुकी है। हालांकि इसकी औपचारिक घोषणा अभी तक नहीं हुआ है। शिवपाल सिंह को पार्टी में राष्ट्रीय महासचिव का पद मिल सकता है इसके बदले में वो मुलायम सिंह यादव के लिए राष्ट्रीय अध्यक्ष पद की मांग छोड़ देंगे। खबर है कि इस फैसले के लिए अक्टूबर 2017 में जब अखिलेश फिर से पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष बने थे तभी से ये चर्चा भी चल रही है। पिछले महीने दिल्ली में शिवपाल सिंह और पार्टी महासचिव रामगोपाल यादव के बीच हुई बातचीत ने इस खबर को और रफ्तार दे दी है।

 

 

अखिलेश ने की थी शिवपाल की तारीफ 

इस मुलाकात से पहले अखिलेश यादव ने चाचा शिवपाल की तारीफ करते हुए कहा था कि चाचा ने राज्यसभा और विधान परिषद चुनावों में दलबदल न कर उन्होंने अपनी पार्टी को ही वोट दिया था। अखिलेश ने ये भी कहा था कि कुछ लोग कह रहे थे कि वे बीजेपी को वोट करेंगे लेकिन उन्होंने ऐसा नहीं किया। वो हमेशा समाजवादी पार्टी में ही रहेंगे।

 

 

शिवपाल ने रामनाथ कोविंद को दिया था वोट 

पिछले साल हुए राष्ट्रपति चुनाव के दौरान शिवपाल सिंह ने मीरा कुमार की बजाए रामनाथ कोविंद के पक्ष में वोट दिया था। जिसके कारण कयास लगाए गए थे कि राज्यसभा और विधान परिषद चुनावों में भी वो बागी की भूमिका निभाएंगे। लेकिन उन्होंने ऐसा नहीं किया था।

 

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