कहीं मामा-भांजे के बीच फूट तो नहीं डाल रहे शिवराज सिंह ?

कहीं मामा-भांजे के बीच फूट तो नहीं डाल रहे शिवराज सिंह ?

Bhaskar Hindi
Update: 2017-08-16 12:47 GMT
कहीं मामा-भांजे के बीच फूट तो नहीं डाल रहे शिवराज सिंह ?

डिजिटल डेस्क, भोपाल। CM शिवराज सिंह चौहान ने मुख्य विपक्षी पार्टी कांग्रेस में फूट डालने की नीति के तहत परस्पर रिश्तों में मामा-भांजे विधानसभा उपाध्यक्ष राजेन्द्र सिंह और नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह के बीच टकराव और बढ़ा दिया है। उन्होंने विस उपाध्यक्ष को भी वही प्रोटोकाल प्रदान कर दिया है, जो नेता प्रतिपक्ष को हासिल है।

गौरतलब है कि अजय सिंह 27 फरवरी 2017 को नेता प्रतिपक्ष बने थे। इसी दिन सदन में, भाजपा के वरिष्ठ MLA बाबूलाल गौर ने कटाक्ष कर दिया था कि नेता प्रतिपक्ष दूसरे नंबर की कुर्सी पर क्यों बैठे हैं। इसका असर यह हुआ कि नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह ने विधानसभा में विपक्ष की पहली सीट पर बैठने वाले कांग्रेस पक्ष से बने विस उपाध्यक्ष राजेन्द्र सिंह का स्थान बदल कर दूसरे स्थान पर कर दिया था। 2 मार्च 2017 को Assembly में राज्यपाल के अभिभाषण पर चली चर्चा के जवाब में CM चौहान ने इस टकराव का उल्लेख भी कर दिया और कहा कि सदन में नेता प्रतिपक्ष ने मामा राजेन्द्र सिंह, जिन्हें दिवंगत नेता प्रतिपक्ष सत्यदेव कटारे ने पहले नंबर की कुर्सी पर बैठाया था, नम्बर एक की कुर्सी से हटाकर दूसरे नंबर की कुर्सी पर कर दिया और खुद नंबर एक की कुर्सी पर बैठ गये। इससे अजय सिंह तिलमिला गये थे।

इसके बाद 2 मार्च 2017 को ही एमपी सरकार ने आदेश जारी कर विस उपाध्यक्ष राजेन्द्र सिंह को राज्यमंत्री के स्थान पर केबिनेट मंत्री का दर्जा प्रदान कर दिया। अब सरकार ने विस उपाध्यक्ष को प्रोटोकाल के हिसाब से 21 वें की जगह 18 वां स्थान प्रदान कर दिया है। 18 वें स्थान पर अब आगे का क्रम इस तरह रहेगा: केबिनेट मंत्री, उपमंत्री, नेता प्रतिपक्ष, पूर्व CM, विस उपाध्यक्ष और हाईकोर्ट  के पूर्व Chief judge, यानी अब विस उपाध्यक्ष का प्रोटोकाल नेता प्रतिपक्ष के बराबर ही रहेगा। 

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