पूर्व सीएम शिवराज ने लिखा सीएम कमलनाथ को पत्र, हत्या की सीबीआई जांच कराने की मांग

पूर्व सीएम शिवराज ने लिखा सीएम कमलनाथ को पत्र, हत्या की सीबीआई जांच कराने की मांग

Bhaskar Hindi
Update: 2019-03-04 09:16 GMT
पूर्व सीएम शिवराज ने लिखा सीएम कमलनाथ को पत्र, हत्या की सीबीआई जांच कराने की मांग

डिजिटल डेस्क,सतना। पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने मुख्यमंत्री कमलनाथ को पत्र लिखकर चित्रकूट में 6 साल के जुड़वा भाइयों को अगवा कर निर्मम हत्या की जांच सीबीआई (केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो) से कराए जाने के लिए आवश्यक कदम उठाए जाने का आग्रह किया है। पूर्व मुख्यमंत्री ने पत्र में लिखा है कि यद्यपि इस दर्दनाक घटना की भरपाई किसी भी प्रकार से संभव नहीं है,मगर पीडित माता-पिता और परिजनों की भावना के अनुरुप अपराध और अपराधियों के संबंध में तथ्यों की विस्तृत और निष्पक्ष जांच मानवीय आधार एवं न्याय की दृष्टि से अनिवार्य है। चौहान ने राज्य सरकार से इस घटना की केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो से जांच कराए जाने के संबंध में तत्काल कदम उठाए जाने का आग्रह किया है। उल्लेखनीय है,हाल ही में पूर्व मुख्यमंत्री ने चित्रकूट में पीडि़त परिवार से मिलकर दुख-दर्द साझा करने की  कोशिश की थी।
सिर्फ एक ही मांग-
उल्लेखनीय है, घटना के बाद शोक संवेदना व्यक्त करने पीडि़त परिवार के बीच पहुंचीं केंद्रीय मंत्री निरंजन ज्योति,जिले के प्रभारी मंत्री लखन घनघोरिया, सांसद गणेश सिंह, पूर्व विधायक शंकरलाल तिवारी, पूर्व नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह राहुल, पूर्व मंत्री और रीवा विधायक राजेन्द्र शुक्ल से भी पीडि़त पिता बृजेश रावत ने सिर्फ और सिर्फ मामले की जांच सीबीआई से कराए जाने की मांग कर चुके हैं। बृजेश रावत पहले ही कह चुके हैं कि उन्हें एसआईटी पर भरोसा नहीं है। ये वारदात महज अपहरण-फिरौती और हत्या तक सीमित नहीं है।अगर , वारदात की जांच सीबीआई करती है तो पर्दे के पीछे बड़े सूत्रधार सामने आएंगे?
फिलहाल कोई संकेत नहीं-  
उधर, चित्रकूट कांड के सिलसिले में शासन स्तर पर फिलहाल मामला सीबीआई को सौंपने के सवाल पर अभी तक कोई संकेत नहीं हैं। हालांकि चित्रकूट पहुंचे जिले के प्रभारी मंत्री लखन घनघोरिया ने आश्वस्त किया था कि वो जल्दी ही वारदात से जुड़े हर पहलू की रिपोर्ट मुख्यमंत्री कमलनाथ को सौंपेंगे। इस मामले में पुलिस ने जहां एसआईटी बनाई है,वहीं जिला मजिस्ट्रेट और कलेक्टर डा.सत्येन्द्र सिंह ने मजिस्ट्रीयल जांच के आदेश दिए हैं। पीडित परिजनों को इन दोनों जांच पर भरोसा नहीं है।

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