आम बजट के 22 दिन बाद शिवराज सरकार ने लिया 2 हजार करोड़ का नया कर्ज

आम बजट के 22 दिन बाद शिवराज सरकार ने लिया 2 हजार करोड़ का नया कर्ज

Bhaskar Hindi
Update: 2018-04-18 09:12 GMT
आम बजट के 22 दिन बाद शिवराज सरकार ने लिया 2 हजार करोड़ का नया कर्ज

डिजिटल डेस्क, भोपाल। राज्य विधानसभा में वर्ष 2018-19 का आम बजट 21 मार्च को पारित हुआ तथा 27 मार्च को राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने इसे मंजूर कर राज्य के खजाने में दो लाख 4 हजार 6 सौ 42 करोड़ रूपए पहुंचाए थे पर इसके बावजूद शिवराज सरकार ने विधानसभा में आम बजट पारित होने के 22 वें दिन बाजार से 2 हजार करोड़ रूपए का नया कर्ज उठाया है। यह वर्तमान वित्त वर्ष का पहला कर्ज है। रिजर्व बैंक के माध्यम से ई-आक्शन के जरिए गवर्मेन्ट सिक्युरिटीज का विक्रय कर उठाए गए इस ताजा दो हजार करोड़ रूपए के कर्ज का चुकारा दस साल में किया जा सकेगा तथा हर साल दो बार इस पर कूपन रेट पर ब्याज का भुगतान किया जाएगा। यह कर्ज राज्य की विकास परियोजनाओं और अधोसंरचनायें विकसित करने के नाम पर लिया गया है।

सरप्लस बजट कम हुआ 
बाजार से उक्त कर्ज  उठाने के लिए राज्य सरकार ने अपनी जो वित्तीय स्थिति बताई है उसमें सरप्लस बजट की राशि कम हुई है। वर्ष 2016-17 में राजस्व प्राप्तियों के मुकाबले राजस्व व्यय कम हुआ था तथा राजस्व आधिक्य 3 हजार 769 करोड़ 49 लाख रूपए था वहीं वर्ष 2017-18 में राजस्व आधिक्य मात्र 575 करोड़ 53 लाख रूपए रहा। जबकि शिवराज के पिछले विधानसभा कार्यकाल के अंतिम वर्ष में साल 2012-13 में राजस्व आधिक्य 6 हजार 370 करोड़ 1 लाख रुपयों का था।

बढ़ गई कर्ज की कुल राशि 
ताजा दो हजार करोड़ रूपए कर्ज उठाने के लिए शिवराज सरकार ने अपनी अब तक उसके ऊपर बकाया कर्ज  की कुल राशि का भी खुलासा कर्जदाताओं के सामने किया है। उसने 31 मार्च,2018 की स्थिति में अपने ऊपर बकाया कर्ज की कुल राशि 1 लाख 60 हजार 871 करोड़ 90 लाख रूपए बताई है। जबकि 31 मार्च 2012 की स्थिति में उस पर कुल कर्ज 71 हजार 478 करोड़ 10 लाख रूपए चढ़ा हुआ था।

इनका कहना है
‘यह बात सही है कि इस बार राजस्व आधिक्य की राशि कम रही है परन्तु फिर भी अधिक तो है ही। बाजार से कर्ज की प्रक्रिया भारत सरकार से स्वीकृति के बाद होती है, इसलिए यह दो हजार करोड़ रुपयों का कर्ज लिया गया है। आम बजट के बाद भी एक्सपेंडीचर के लिए बाजार से कर्ज लेना पड़ता है।’

- रुपेश कुमार पठवार अवर सचिव वित्त विभाग मप्र

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