शिवसेना भूल गई , फडणवीस सरकार में उसी के पास था स्वास्थ्य विभागः भाजपा
शिवसेना भूल गई , फडणवीस सरकार में उसी के पास था स्वास्थ्य विभागः भाजपा
डिजिटल डेस्क, मुंबई। राज्य में चिकित्सा व्यवस्था की खऱाब हालत के लिए पिछली सरकार को जिम्मेदार ठहराने वाली शिवसेना भूल गई कि पिछली सरकार में स्वास्थ्य विभाग शिवसेना के पास ही था। प्रदेश भाजपा के प्रवक्ता विधायक राम कदम ने यह बात कही।
उन्होंने कहा कि शिवसेना के मुखपत्र सामना में महाराष्ट्र की खराब चिकित्सा सुविधाओं के लिए पिछली सरकार को जिम्मेदार ठहराया है पर शिवसेना भूल गई कि पिछली सरकार नें वह भी शामिल थी और स्वास्थ्य विभाग उन्हीं के पास था। कदम ने कहा कि कोरोना संकट में 550 करोड़ रुपए मुख्यमंत्री राहत कोष में जमा हुआ पर सरकार केवल सवा सौ करोड़ रुपए खर्च कर सकी। भाजपा विधायक ने कहा कि सुशांत सिंह मामले में सरकार ने कई लोगों को बचाने की कोशिश पर अब उसकी पोल खुल चुकी है। इस लिए लोगों का ध्यान भटकाने के लिए इस तरह की बाते की जा रही हैं।
फडणवीस सरकार ने काम किया होता तो आज यह हालत न होती : शिवसेना
सत्ताधारी शिवसेना ने पार्टी के मुखपत्र में छपी संपादकीय में कहा है कि पिछले पांच वर्षों के दौरान यदि फडणवीस सरकार ने मेडिकल क्षेत्र में काम किया होता तो आज जो आपतकाल सुविधाएं तैयार करनी पड़ रही है, वह नहीं करनी होती। मुख पत्र में कहा गया कि विपक्ष कोविड केंद्रों को निशाना बना रही है। वहां काम करने वाले डाक्टरों, नर्सों आदि पर दबाव डाला जा रहा है। दहशत पैदा करने की यह राजनीतिक नीति सही नहीं है। पार्टी का कहना है कि विदर्भ में बाढ़ और पश्चिम महाराष्ट्र में कोरोना का कहर चिंता का विषय है। मुंबई-ठाणे में कोरोना के नियंत्रित होने के बाद अब पुणे,सातारा, कोल्हापुर, सांगली में बढ़ोतरी हो रही है। पुणे में टीवी पत्रतार पांडुरंग रायकर की मौत दुर्भाग्यपूर्ण है। रायकर कोरोना पॉजिटिव थे। उनकी मौत से पत्रकारों में नाराजगी पैदा होना स्वभाविक है। पुणे के पूर्व महापौर दत्ता एकबोटे के कोरोना संक्रमित होने के बाद उन्हें भर्ती करने के लिए पुणे के अस्पतालों में एक बेड नहीं मिल सका। पुणे के सांसद गिरीश बापट को उपमुख्यमंत्री अजित पवार को फोन करना पड़ा। पर कोई फायदा नहीं हो सका।