नागपुर मनपा को झटका, हाईकोर्ट ने खारिज की याचिका

औद्योगिक न्यायालय के फैसले को चुनौती का मामला नागपुर मनपा को झटका, हाईकोर्ट ने खारिज की याचिका

Anita Peddulwar
Update: 2022-09-13 04:50 GMT
नागपुर मनपा को झटका, हाईकोर्ट ने खारिज की याचिका

डिजिटल डेस्क, नागपुर। बॉम्बे हाईकोर्ट की नागपुर खंडपीठ से नागपुर महानगर पालिका को झटका लगा है। हाईकोर्ट ने मनपा की उस याचिका को खारिज कर दिया है, जिसमें मनपा ने औद्योगिक न्यायालय के फैसले को चुनौती दी थी।  दरअसल मनपा के जलप्रदाय विभाग के तहत कुछ कर्मचारियों को गोरेवाड़ा पेंच के कार्य के लिए नियुक्त किया गया था। वर्ष 1996 में इस कार्य में मनपा ने मेसर्स लाइव वायर नामक कंपनी को ठेकेदार नियुक्त किया था, लेकिन फिर दो साल बाद मनपा ने अचानक इन कर्मचारियों की सेवाएं समाप्त कर दी। कर्मचारियों ने सबसे पहले इस बात लेबर कोर्ट में "अनफेयर लेबर प्रैक्टिस" शिकायत की। लेकिन लेबर कोर्ट में मनपा ने जो दलील दी उसे सुनकर कर्मचारियों के होश उड़ गए।

 मनपा ने लेबर कोर्ट में कहा कि शिकायतकर्ता उनके नहीं, बल्कि ठेकेदार के कर्मचारी हैं। ऐसे में मनपा उनकी सेवा शर्तें मानने के लिए बाध्य नहीं है। इधर, ठेकेदार ने भी अपने करार की शर्तों का हवाला देते हुए दलील दी कि उनका कांट्रैक्ट सीमित समय के लिए था, जिसके बाद उन्होंने काम बंद कर दिया। लेकिन इस मामले में लेबर कोर्ट का फैसला कर्मचारियों के पक्ष में गया। कोर्ट ने कर्मचारियों को वापस काम पर लेने और बीच की अवधि का पूरा वेतन देने का आदेश दिया। मनपा ने मामले में औद्योगिक न्यायालय की शरण ली, लेकिन वहां भी मनपा की याचिका खारिज हो गई, जिसके बाद मनपा ने हाईकोर्ट की शरण ली थी। सभी पक्षों को सुनने और प्रस्तुत सबूतों पर गौर करने के बाद हाईकोर्ट ने माना कि प्रतिवादी मनपा के ही कर्मचारी थे। ऐसे में निचली अदालत का फैसला कायम रखते हुए हाईकोर्ट ने मनपा की याचिका खारिज कर दी।  

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