भीमा कोरेगांव हिंसा, नक्सल समर्थक प्रो. सेन के खिलाफ आरोप पत्र देने में पुणे पुलिस कर रही आनाकानी

भीमा कोरेगांव हिंसा, नक्सल समर्थक प्रो. सेन के खिलाफ आरोप पत्र देने में पुणे पुलिस कर रही आनाकानी

Anita Peddulwar
Update: 2018-11-15 06:00 GMT
भीमा कोरेगांव हिंसा, नक्सल समर्थक प्रो. सेन के खिलाफ आरोप पत्र देने में पुणे पुलिस कर रही आनाकानी

डिजिटल डेस्क, नागपुर। राष्ट्रसंत तुकड़ोजी महाराज नागपुर विद्यापीठ की पूर्व अंग्रेजी विभाग प्रमुख प्रो. शोमा सेन को विद्यापीठ प्रशासन ने निलंबित किया है। निलंबन के बाद उनकी विभागीय जांच होनी है। इसके लिए विद्यापीठ प्रशासन ने पुणे पुलिस को शोमा सेन पर लगाए आरोप पत्र के कागजात मांगे हैं, लेकिन पुलिस से अब तक कागजात प्राप्त नहीं होने से विद्यापीठ कोई भी विभागीय जांच नहीं कर पा रही है। विशेष यह कि इस आरोप पत्र के लिए विद्यापीठ ने पुणे पुलिस को दो बार स्मरण पत्र दिए है।  

48 घंटे में निलंबित करना जरूरी था 
उल्लेखनीय है कि प्रो. शोमा सेन पर नक्सली समर्थक होने का आरोप है। नक्सली कार्रवाई में सक्रिय सहभाग, पुणे में आयोजित एल्गार परिषद के माध्यम से हिंसा को प्रोत्साहन देने के मामले में 6 जून को पुणे पुलिस ने गिरफ्तार किया था। इस मामले में उनके साथ 5 लोगों को गिरफ्तार किया गया था। इसमें एड. सुरेंद्र गडलिंग, महेश राऊत, सुधीर ढवले और रोना विल्सन शामिल हैं। रोना विल्सन को दिल्ली, ढवले को मुंबई और अन्य तीन को नागपुर से गिरफ्तार किया गया है। तब से ही वे विवादों में है। उपरोक्त आरोपियों में से शोमा सेन शासकीय सेवा में होने से नियमानुसार उनकी गिरफ्तारी के बाद 48 घंटे में निलंबन होना आवश्यक था, किन्तु विद्यापीठ में एक दबाव गट सक्रिय होने से प्रो. सेन को निलंबित करने में प्रशासन को खासी दिक्कतों का सामना करना पड़ा। अब विभागीय जांच में भी इसी तरह की दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। विद्यापीठ की ओर से सेन के खिलाफ सेवानिवृत्त न्यायाधीश के मार्फत विभागीय जांच शुरू की जाएगी। सेन पर निलंबन के बाद अन्य कार्रवाई की जाएगी, लेकिन विद्यापीठ ने पुणे पुलिस को आरोप पत्र की मांग करने के बावजूद उसे अब तक उसकी कॉपी नहीं दी गई है, जिस कारण आगे की प्रक्रिया रुक गई है।  जांच प्रक्रिया में जानबूझकर ढिलाई बरतने का आरोप लगाया जा रहा है।
 

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