महिला हिंसा के खिलाफ कैंडल मार्च और हस्ताक्षर अभियान में जुटे लोग

महिला हिंसा के खिलाफ कैंडल मार्च और हस्ताक्षर अभियान में जुटे लोग

Bhaskar Hindi
Update: 2018-04-16 02:19 GMT
महिला हिंसा के खिलाफ कैंडल मार्च और हस्ताक्षर अभियान में जुटे लोग

डिजिटल डेस्क, बालाघाट। देश के साथ ही जिले में महिलाओं के साथ बढ़ती हिंसा, अत्याचार, घरेलू हिंसा, यौन शोषण, बलात्कार और बाल शोषण जैसी घटनाओं के विरोध में रविवार को जागरूक नागरिकों द्वारा कैंडिल मार्च और हस्ताक्षर अभियान कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस कैंडिल मार्च में शामिल सभी लोगों ने धर्म, जात-पात से ऊपर उठकर महिला हिंसा के खिलाफ अपनी आवाज बुलंद की और देश के महामहिम राष्ट्रपति और सत्ताधीशों से महिला अत्याचार में लिप्त लोगों के खिलाफ कार्यवाही को लेकर फास्ट ट्रैक कोर्ट में फैसला किए जाने की मांग रखी।

 

 

 

काली पुतली चौक से निकाला गया कैंडल मार्च

 

काली पुतली चौक से इस आयोजन की अगुवाई कर रहे युवा विशाल बिसेन के साथ श्रीमती अंजु जायसवाल, श्रीमती फिरोजा खान, सौरभ लोधी, योगिता कावड़े, शहनाज खान, शांता तिवारी, श्रीमती दीक्षित, अनिता सोनवाने सहित मुस्लिम समाज, सिंधु सेना और विभिन्न सामाजिक, धार्मिक और शैक्षणिक संस्था के प्रतिनिधि और छात्र, छात्रायें मौजूद थे। जिन्होंने महिला हिंसा के खिलाफ मौन रूप में अपने विरोध को प्रगट करते हुए हाथो में काली पट्टी बांधकर शांतिपूर्ण कैंडिल मार्च निकाला। जो काली पुतली चौक से मेनरोड होते हुए हनुमान चौक स्थित महात्मा गांधी के स्मारक स्थल पहुंचा, जहां महिला हिंसा में अपने प्राण गंवा चुकी पीड़िताओं को श्रद्वाजंलि अर्पित की गई। 

 

 

 

 

यौन शोषण की घटनाओं को लेकर लोगों में दिखा आक्रोश

 

देश के अलग-अलग हिस्सों में आये दिन मासूम बच्चियों और महिलाओं के साथ ही रही यौन शोषण की घटनाओं को लेकर लोगों का आक्रोश नजर आया। सभी का मानना था कि महिला अत्याचार और यौन शोषण की घटनाओं ने बच्चियों और महिलाओं के परिजनों को भयभीत और आशंकित कर दिया है। उनके मन में एक अनजाना डर बना हुआ है।  बालाघाट जिले में पहली बार महिला अत्याचार और उनके साथ हो रही योन शोषण की घटनाओं को लेकर जो शांतिपूर्ण आक्रोश मार्च निकाला है, उससे निश्चित पीड़ित महिलाओं में न्याय और हौसला मिलेगा।

 

 

 

चुप नहीं बैठेगी जनता

मौन रूप से अपने आक्रोशित भाव को व्यक्त करते हुए लोगों ने यह एक संदेश दिया है कि महिला अत्याचार और उसके साथ हो रहे यौन शोषण के खिलाफ अब जनता चुप नहीं बैठेगी। भले ही आज मौन रूप से सर्वधर्म के लोगों ने अपना आक्रोश जाहिर किया है लेकिन मौन, बढ़ते इन घटनाओं को लेकर हमेशा नहीं रहेगा और जरूरत पड़ने पर इसका विरोध सड़क पर आकर भी सर्वधर्म के लोगों द्वारा किया जायेगा। 

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