असम-मिजोरम में सीमा विवाद गहराया, असम पुलिस के 6 जवान शहीद, 50 से ज्यादा लोग घायल

असम-मिजोरम में सीमा विवाद गहराया, असम पुलिस के 6 जवान शहीद, 50 से ज्यादा लोग घायल

Bhaskar Hindi
Update: 2021-07-26 15:14 GMT
असम-मिजोरम में सीमा विवाद गहराया, असम पुलिस के 6 जवान शहीद, 50 से ज्यादा लोग घायल

डिजिटल डेस्क, गुवाहाटी। असम-मिजोरम के बीच सीमा विवाद गहरा गया है। उपद्रवियों की गोलीबारी में असम पुलिस के 6 जवान शहीद हो गए। 50 से ज्यादा लोग घायल हो गए। असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने सोमवार को इसकी जानकारी दी। 

केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) के सूत्रों ने बताया कि कछार जिले में सीआरपीएफ के जवान भी ग्राउंड पर हैं। सूत्रों ने कहा, "असम पक्ष को वापस जाने के लिए मना लिया गया है। हम मिजोरम पक्ष को भी पीछे हटने के लिए मनाने की कोशिश कर रहे हैं। इस समय स्थिति तनावपूर्ण लेकिन नियंत्रण में है।"

सोमवार को एक ट्वीट में, असम के मुख्यमंत्री सरमा ने कहा, "मुझे यह सूचित करते हुए बहुत दुख हो रहा है कि असम पुलिस के छह बहादुर जवानों ने असम-मिजोरम सीमा पर हमारे राज्य की संवैधानिक सीमा की रक्षा करते हुए अपने प्राणों की आहुति दी है। शोक संतप्त लोगों के प्रति मेरी संवेदना।"

खबरों के मुताबिक, असम के कछार जिले के लैलापुर इलाके में सोमवार को हुई झड़प में असम और मिजोरम दोनों के कई जवान घायल भी हुए। कछार जिले के स्थानीय लोगों का कहना है कि पुलिस सहित कम से कम 65 घायलों को स्थानीय अस्पतालों में भर्ती कराया गया है। स्थानीय लोगों का कहना है कि उनमें से 40 को सिलचर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में रेफर कर दिया गया है।

घटनाक्रम पर प्रतिक्रिया देते हुए, मिजोरम के सीएम जोरमथंगा ने कहा कि उनकी सरकार मिजोरम के क्षेत्र में इस "घुसपैठ और आक्रामकता" में असम सरकार के "अनुचित कृत्य" की कड़ी निंदा करती है। जोरमथांगा ने कहा, "मिजोरम सरकार को दोनों पक्षों की अनावश्यक इंजूरी के लिए गहरा खेद है, जिन्हें टाला जा सकता था।"

जोरमथांगा ने कहा, "मिजोरम की सरकार चाहती है कि असम के साथ अंतर-राज्यीय सीमा मुद्दे को शांति और समझ के माहौल में सुलझाया जाए। तदनुसार, हम असम राज्य से विवाद के शांतिपूर्ण समाधान के लिए अनुकूल माहौल बनाने का आह्वान करते हैं।"

असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा और उनके मिजोरम समकक्ष जोरमथंगा ने ट्वीट्स की एक सीरीज में, स्थिति को नियंत्रित करने के लिए अमित शाह से तत्काल हस्तक्षेप करने का आह्वान करते हुए स्थिति के लिए एक-दूसरे के अधिकारियों को दोषी ठहराया।

मिजोरम के मुख्यमंत्री ने अपने ट्वीट में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और शाह को भी टैग किया। उन्होंने कहा, हिमंत जी, केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह के साथ मुख्यमंत्रियों की सौहार्दपूर्ण बैठक के बाद आश्चर्यजनक रूप से असम पुलिस की 2 कंपनियों के द्वारा नागरिकों पर लाठीचार्ज और आंसूगैस के गोले दागे गए। उन्होंने सीआरपीएफ कर्मियों और मिजोरम पुलिस को भी खदेड़ा।

सीमा संघर्ष के वीडियो को टैग करते हुए जोरमथांगा ने कहा, श्री अमित शाह जी। कृपया मामले को देखें। इसे अभी रोकने की जरूरत है।

एक अन्य ट्वीट में सीएम जोरमथांदा ने लिखा, निर्दोष दंपत्ति कछार के रास्ते मिजोरम वापस जा रहे थे और गुंडों के द्वारा तोड़फोड़ की गई थी। आप इन हिंसक कृत्यों को कैसे सही ठहराने जा रहे हैं?

वहीं सरमा ने अपने ट्वीट में कहा, मैंने अभी-अभी माननीय मुख्यमंत्री जोरमथंगा से बात की है। मैंने दोहराया है कि असम अपनी सीमाओं के बीच यथास्थिति और शांति बनाए रखेगा। मैंने आइजोल का दौरा करने और जरूरत पड़ने पर इन मुद्दों पर चर्चा करने की इच्छा व्यक्त की है।

इससे पहले दिन में केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने दोनों राज्यों की मुख्यमंत्रियों से सीमा विवाद को लेकर बात की और विवाद का हल निकालने को कहा था। सूत्रों के अनुसार, असम और मिजोरम दोनों मुद्दे को सुलझाने और शांति बनाए रखने पर सहमत हुए थे।

मिजोरम-असम सीमा पर स्थिति जून के अंत से तनावपूर्ण बनी हुई है। दरअसल, असम पुलिस ने मिजोरम पर अपने क्षेत्र में अतिक्रमण करने का आरोप लगाते हुए वैरेंगटे से लगभग 5 किमी दूर "ऐतलंघनार" नामक क्षेत्र पर कथित रूप से नियंत्रण कर लिया था। इसके बाद से दोनों राज्यों के बीच विवादित क्षेत्र को लेकर बार-बार झड़पें होती रही हैं। दिलचस्प बात यह है कि विवाद को लेकर दोनों मुख्यमंत्रियों के बीच ट्विटर वॉर देखने को मिला। दोनों नेताओं ने अमित शाह को एक-दूसरे के खिलाफ अर्जी भी दी।

मिजोरम के एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने कहा कि रविवार को अज्ञात बदमाशों द्वारा आठ किसानों की झोपड़ियों में आग लगाने के बाद तनाव और बढ़ गया। यह घटना रविवार रात करीब 11.30 बजे की है। यह घटना शिलांग में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की अध्यक्षता में पूर्वोत्तर राज्यों के मुख्यमंत्रियों की बैठक के एक दिन बाद हुई, जिसमें सीमा का मुद्दा उठाया गया था। 

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