सेंट्रल जेल के कैदी अब एमबीए की पढ़ाई ज्ञानवाणी रेडियो सुनकर पूरी करेंगे

सेंट्रल जेल के कैदी अब एमबीए की पढ़ाई ज्ञानवाणी रेडियो सुनकर पूरी करेंगे

Anita Peddulwar
Update: 2018-10-29 05:44 GMT
सेंट्रल जेल के कैदी अब एमबीए की पढ़ाई ज्ञानवाणी रेडियो सुनकर पूरी करेंगे

डिजिटल डेस्क, नागपुर।  कई गंभीर मामलों में जेल के भीतर अपने किए की सजा भुगत रहे कैदियों में पढ़ने की ललक तेज होती जा रही है। कुछ कैदी तो एमबीए कर रहे हैं। इग्नू के एमबीए कोर्स में 11 कैदियों ने एंट्रेस एक्जाम दिए और उसमें से 9 पास भी कर चुके हैं। जुलाई 2018 में 61 फ्रेश कैदी अध्ययनरत हैं। इसमें 9 कैदी एमबीए कर रहे हैं। 

हटकर पहल
दरअसल, शिक्षक कारागार में जाकर पढ़ाने में संकोच करते हैं, इसलिए इग्नू ने अनूठी पहल की है। व्यवस्था के तहत शिक्षक स्टडी सेंटर से ही ज्ञानवाणी रेडियो के माध्यम से एमबीए की पढ़ाई कर रहे कैदियों को जानकारी दी जाएगी। जेल के भीतर ही बैठकर कैदी इसे सुन सकेंगे और अपनी तैयारी कर सकेंगे। यदि कोर्स से संबधित कोई क्वेरी होती है, तो काउंसलर से वे हल भी पूछ सकते हैं। इस संदर्भ में जेल प्रशासन से बातचीत हो रही है। 

इसलिए कदम... फोन अलाउड नहीं होता है कैदियों को
ज्ञात रहे कि कैदियों को फोन पर पांबदी है, इसलिए सवालों के जवाब के लिए एक कांउसलर रखा जाएगा, जिसे फोन दिया जाएगा और कैदी अपने सवालों के जवाब पूछ सकेंगे।

इस तरह मदद... फ्री कोचिंग, ताकि पास होने में मदद मिले 
इग्नू के एमबीए कोर्स के लिए एट्रेंस देना होता है और इसमें पास होने के लिए  50 प्रतिशत अंक अनिवार्य है। कैदियों को फ्री कोचिंग दी गई थी, ताकि ये एंट्रेस एक्जाम पास कर सकें।

मोबाइल व रेडियो से काउंसिलिंग 
इग्नू की ये अनूठी सामाजिक पहल है और देश का पहला प्रयोग भी। पहली बार रेडियो ज्ञानवाणी का उपयोग कैदियों को पढ़ाने में होगा। शिक्षक रेडियो से काउंसलिंग करवाएंगे और उसके बाद कैदी उनसे सवाल-जवाब पूछेंगे। डिस्टेंस एजुकेशन, थ्रू मोबाइल, कैदियों को अपराध की दुनिया से निकालने का अभिनव प्रयोग है। जेल के रेडियो से कैदियों को पढ़ाने में आसानी होगी। जेल में ही हमारे आर्ब्जबर भी होते हैं।  -डॉ.पी. शिवस्वरूप, इग्नू रीजनल डायरेक्टर, नागपुर

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