बंगाल: रंजन को हटाकर मित्रा को बनाया प्रदेशाध्यक्ष, प्रणब के बेटे को भी जिम्मेदारी
बंगाल: रंजन को हटाकर मित्रा को बनाया प्रदेशाध्यक्ष, प्रणब के बेटे को भी जिम्मेदारी
- कांग्रेस ने कई राज्यों में उलटफेर करने शुरू कर दिए हैं
- पार्टी ने बिहार के बाद पश्चिम बंगाल में फेरबदल किया है
- मित्रा इसके पहले भी कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष रह चुके हैं
डिजिटल डेस्क, कोलकाता। लोकसभा चुनाव नजदीक आते ही कांग्रेस ने कई राज्यों में उलटफेर करने शुरू कर दिए हैं। पार्टी ने बिहार के बाद पश्चिम बंगाल में फेरबदल किया है। यहां पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी के बेटे अभिजीत को घोषणापत्र समिति का प्रमुख बनाया गया है तो रंजन चौधरी को अध्यक्ष पद से हटाकर प्रचार समिति का प्रमुख बनाया गया है। पश्चिम बंगाल का नया प्रदेशाध्यक्ष पूर्व सांसद सोमेंद्र नाथ मित्रा को बनाया गया है। मित्रा इसके पहले भी कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष रह चुके हैं।
अधीर रंजन को प्रदेशाध्यक्ष के पद से ऐसे समय हटाया गया है, जब 2019 चुनाव में ममता बनर्जी से कांग्रेस गठबंधन की संभावनाएं तलाश रही है। बता दें कि अधीर रंजन इस गठबंधन की खिलाफत करते रहे हैं। पश्चिम बंगाल में 3 दशक तक वामपंथ का कब्जा रहा है। साल 2012 में किसी तरह यहां वामपंथ की जड़ें उखड़ीं, लेकिन इसका फायदा कांग्रेस को नहीं मिला। फिछले 7 साल से यहां ममता बनर्जी की सरकार है।
बता दें कि मित्रा 15वीं लोकसभा के सदस्य भी रह चुके हैं। मित्रा ने कांग्रेस छोड़कर 2008 में अपनी पार्टी 'प्रगतिशील इंदिरा कांग्रेस' बना ली थी, जिसे उन्होंने 2009 में तृणमूल कांग्रेस से मिला दिया। हालांकि, 2014 लोकसभा चुनाव में वे वापस कांग्रेस में आ गए थे। इसके अलावा पूर्व केंद्रीय मंत्री प्रियरंजन दास मुंशी की पत्नी दीपा दासमुंशी, अबू हासिम खान चौधरी, नेपाल महतो और शंकर मालकर सहिंत 4 लोगों को कार्यकारी अध्यक्ष बनाया गया है। साथ ही शुभांकर सरकार को संयोजक और प्रदीप भट्टाचार्य को समन्वय समिति का अध्यक्ष बनाया गया है। अमिताभ चक्रवर्ती को संपर्क एवं संचार (आउटरीज एंड कम्युनिकेशन) विभाग का प्रमुख बनाया गया है।