मध्य प्रदेश में नई चुनौती, सपाक्स लड़ेगी 230 सीटों पर

मध्य प्रदेश में नई चुनौती, सपाक्स लड़ेगी 230 सीटों पर

Bhaskar Hindi
Update: 2018-06-17 13:51 GMT
मध्य प्रदेश में नई चुनौती, सपाक्स लड़ेगी 230 सीटों पर

डिजिटल डेस्क, भोपाल। सत्ता में चौथी बार वापसी की उम्मीद लगाए बैठी भाजपा को रविवार को नई चुनौती मिली है। प्रमोशन में आरक्षण के खिलाफ शुरू  हुई लड़ाई चुनाव मैदान तक पहुंच गई है। सपाक्स (सामान्य, पिछड़ा एवं अल्पसंख्यक वर्ग अधिकारी कर्मचारी समाज संगठन) ने रविवार को नर्मदा भवन में आयोजित बैठक में प्रदेश की सभी 230 सीटों पर सामान्य, पिछड़ा वर्ग और अलपसंख्यक समुदाय को एकजुट कर उम्मीदवार उतारने का फैसला किया है। इससे अलग हुई एक अन्य बैठक में सपाक्स ने आरक्षण एवं अन्य मांगो के लेकर पूरे प्रदेश में 1 करोड़ लोगों के हस्ताक्षर कराने का निर्णय लिया है। यह हस्ताक्षरों वाला ज्ञापन अगस्त में राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को सौंपा जाएगा।

आज ही वरिष्ठ IAS अफसर वीणा घाणेकर ने सपाक्स की सदस्यता ली है। रविवार को तुलसी नगर स्थित मंदिर सभागार में दो अलग-अलग बैठक हुई। पहली बैठक सपाक्स अधिकारीक कर्मचारी संगठन की थी, जिसके संरक्षक IAS अफसर राजीव शर्मा है। बैठक में तय किया गया कि चूंकि अधिकारी कर्मचारी आचार संहिता से बंधे है। इसलिए वे किसी राजनीतिक गतिविधि में भाग नहीं लेंगे, लेकिन यह संगठन अपनी मांगो को जैसे सपाक्स को मान्यता देने और प्रमोशन में आरक्षण खत्म करने की मांगों को लेकर जन जागरण अभियान चलाएगा। इसमें 1 करोड़ लोगों के हस्ताक्षर कराकर राष्ट्रपति से मिलने की योजना है। इसी बैठक में श्रीमती घाणेकर ने सपाक्स की सदस्यता ली। दूसरी बैठक सपाक्स समाज संगठन की हुई, जिसके अध्यक्ष रिटायर्ड आईएएस अफसर हिरालाल त्रिवेदी हैं। बैठक में तय किया गया कि आगामी विधानसभा चुनाव में प्रदेश की सभी 230 सीटों पर सपाक्स अपने उम्मीदवार उतारेगा।

गौरतलब है कि सपाक्स समाज संगठन सरकार की आरक्षण नीति से नाराज है। खासतौर पर प्रमोशन में आरक्षण को लेकर हाई कोर्ट के फैसले के बाद राज्य सरकार ने जो रूख अपनाया, उससे सामान्य और पिछड़ा वर्ग के अधिकारी-कर्मचारी खासे नाराज हैं। सपाक्स समाज संगठन के इस फैसले से सत्ताधारी भाजपा का चुनाव में गणित गड़बड़ा सकता है।


 

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