बढ़ते जलसंकट पर बुलाई गई विशेष सभा, अधिकारियों के नहीं पहुंचने से हुई रद्द

बढ़ते जलसंकट पर बुलाई गई विशेष सभा, अधिकारियों के नहीं पहुंचने से हुई रद्द

Anita Peddulwar
Update: 2018-12-01 09:00 GMT
बढ़ते जलसंकट पर बुलाई गई विशेष सभा, अधिकारियों के नहीं पहुंचने से हुई रद्द

डिजिटल डेस्क, नागपुर। शहर में गहराते जलसंकट को लेकर को मनपा की विशेष सभा अधिकारियों के नहीं पहुंचने से रद्द कर दी गई। अब यह सभा 7 दिसंबर को होगी। नवनियुक्त आयुक्त अभिजीत बांगर को पारिवारिक समस्या के कारण तुरंत जाना पड़ा, जबकि अतिरिक्त आयुक्त रवींद्र ठाकरे मुंबई में नगरोत्थान की बैठक के लिए सुबह रवाना हो गए, जबकि जलप्रदाय विभाग के कार्यकारी अभियंता प्रदीप राजगिरे तबीयत खराब होने से छुट्टी पर चले गए। ऐसे में प्रशासनिक महकमे से कोई बड़ा जिम्मेदार अधिकारी उपस्थित नहीं होने के कारण नगरसेवकों ने इसे लेकर आपत्ति जताई, जिसके बाद सभा आगामी 7 दिसंबर तक स्थगित कर दी गई। विशेष यह किस अधिकारियों के कारण सभा स्थगित होने का यह दूसरा मामला है। इससे पहले तत्कालीन आयुक्त वीरेंद्र सिंह द्वारा ऐन मनपा सभा से पहले छुट्टी पर चले जाने के कारण सभा को स्थगित करना पड़ा था। इस बार उम्मीद थी कि, जल संकट जैसे महत्वपूर्ण विषय पर विशेष सभा होने से शहरवासियों की समस्या का समाधान निकलेगा। लेकिन ऐसा कुछ नहीं हो सका।

पहले भी 2 बार स्थगित करनी पड़ी
अक्टूबर में जलसंकट को लेकर विशेष सभा बुलायी गई थी, लेकिन तत्कालीन आयुक्त वीरेंद्र सिंह के छुट्टी पर चले जाने के कारण सभा को स्थगित कर दिया गया था। 5 नवंबर को यह सभा होनी थी। इस दौरान कुछ नगरसेवकों ने दिवाली का कारण बताते हुए सभा टालने को कहा था, जिसके बाद महापौर ने सभा स्थगित की थी। हालांकि शहर में पानी की समस्या को लेकर लगातार संकट बढ़ रहा है। इस बीच पालकमंत्री व महापौर को भी बैठक लेनी पड़ी थी, लेकिन अधिकारियों ने नियोजन को लेकर कोई गंभीरता नहीं दिखाई। कानूनन हर महीने एक बैठक लेना अनिवार्य है। इसके चलते शुक्रवारस 30 नवंबर को पानी पर विशेष व सर्वसाधारण सभा लेने का निर्णय हुआ था। इसमें भी पानी पर सुबह 11 से दोपहर 1 बजे तक चर्चा होने वाली थी। इस पर अनेक नगरसेवकों ने आपत्ति जताई थी। दो घंटे में कौनसा नियोजन किया जाएगा, यह सवाल भी किया था। अंतत: प्रशासन ने सर्वसाधारण बैठक रद्द कर पानी पर विशेष सभा का ऐलान किया था। हालांकि इस सभा को आनन-फानन में स्थगित करना पड़ा।

बिना अधिकारियों के कैसे होगी चर्चा
पानी जैसे गंभीर विषय पर बैठक होने के बावजूद सभागृह में अत्यंत कम उपस्थिति थी। जिससे आधा घंटा देरी से बैठक शुरू हुई। इस दौरान निर्दलीय नगरसेविका आभा पांडे ने सत्तापक्ष-प्रशासन पर हमला बोल दिया। उन्होंने कहा कि 3 नवंबर को आयोजित बैठक कौन सी नगरसेविकाओं ने आगे बढ़ाने की मांग की थी, उनके नाम सार्वजनिक करें। पानी जैसे महत्वपूर्ण विषय पर आज बैठक है, लेकिन कोई जिम्मेदार अधिकारी नहीं है। इस पर उन्होंने नाराजगी जताई। उन्होंने कहा कि शहर में जलसंकट की समस्या गंभीर बन रही है। पानी को लेकर क्या नियोजन किया गया, ऐसे अनेक प्रश्न हैं। गंभीर विषय पर चर्चा करनी है, लेकिन सभागृह गंभीर नहीं है। आयुक्त और अतिरिक्त आयुक्त नहीं है। कार्यकारी अभियंता भी नहीं है। कैसे चर्चा होगी? कौन जवाब देगा? ऐसे में सभा स्थगित किए बिना कोई पर्याय नहीं है। चर्चा का कोई औचित्य नहीं है।

श्रीमती पांडे ने महापौर से  मांग की कि, संबंधित अधिकारी सभागृह में आने पर चर्चा करें। विरोधी पक्षनेता तानाजी वनवे ने भी आभा पांडे का समर्थन करते हुए सभा आगे ढकेलने की मांग की। इसके बाद सत्तापक्ष नेता संदीप जोशी ने भी विरोधियों की मांग का समर्थन कर कहा कि, सत्तापक्ष पानी विषय पर गंभीर है। यह सही है कि, जिम्मेदार अधिकारी नहीं है, इसलिए सभा फिर से बुलाई जाए। महिला व बाल कल्याण समिति द्वारा नगरसेविका 1 से 5 दिसंबर तक चेन्नई व अन्य क्षेत्रों के दौरे पर होने की जानकारी देकर इसके बाद सभा लेने का निवेदन किया। पहले 6 दिसंबर को सभा निश्चित की गई, लेकिन नगरसेवक मनोज सांगोले और संदीप सहारे ने तारीख पर आपत्ति जताने के बाद 7 दिसंबर को पानी पर विशेष बैठक लेने की घोषणा महापौर नंदा जिचकार ने की।

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