अटकलें तेज, एनआईटी हो सकती है बर्खास्त

नागपुर अटकलें तेज, एनआईटी हो सकती है बर्खास्त

Anita Peddulwar
Update: 2022-06-30 07:54 GMT
अटकलें तेज, एनआईटी हो सकती है बर्खास्त

डिजिटल डेस्क, नागपुर।   सत्ता परिवर्तन को लेकर राज्य में तेज हुई राजनीतिक हलचलों के बीच उपराजधानी में नागपुर सुधार प्रन्यास के अस्तित्व पर एक बार फिर खतरा मंडराने लगा है। अटकलें लगाई जा रही हैं कि राज्य में भाजपा के सत्ता में काबिज होते ही एक बार फिर नागपुर सुधार प्रन्यास को बर्खास्त कर दिया जाएगा। इसका असर नासुप्र के कामकाज पर भी पड़ने लगा है। हालांकि अधिकारी वर्ग नासुप्र की बर्खास्तगी के संबंध में किसी प्रकार की बयानबाजी करने से बच रहा है। 

कम हो रही आवेदकों की संख्या
बर्खास्तगी की चर्चा से गुंठेवारी कानून के तहत अनधिकृत ले-आउट को नियमित करने के लिए शुरू की गई प्रक्रिया प्रभावित होने लगी है। करीब 1700 अनधिकृत ले-आउट में से 600 ले-आउट को नियमितीकरण की प्रक्रिया में शामिल कर नासुप्र द्वारा भूखंडधारकों से भूखंड नियमितीकरण के लिए ऑनलाइन आवेदन आमंत्रित किए गए हैं। नासुप्र की इस पहल को भारी प्रतिसाद भी मिलने लगा था, लेकिन अब रोज आवेदन की संख्या में कमी दर्ज की जा रही है। अब तक 70 हजार से अधिक भूखंडधारकों द्वारा भूखंड नियमितीकरण के लिए आवेदन किए गए हैं। इनमें से करीब 45 हजार भूखंडधारकों के दस्तावेजों की फाइलें तैयार कर ली गईं तथा 1 हजार से अधिक भूखंडधाकरों को विकास शुल्क का भुगतान करने संबंधी पत्र जारी किए गए हैं।

फूटी कौड़ी भी नहीं दी : 70 हजार से अधिक ऑनलाइन आवेदन मिलने के साथ ही प्रति आवेदक 3 हजार रुपए की दर से नासुप्र के खजाने में 21 करोड़ से अधिक की रकम जमा हो चुकी है। अधिकारियों के मुताबिक ऑनलाइन आवेदन का क्रम जारी है। प्रथम चरण में 70 हजार आवेदकों के भूखंडों का नियमितीकरण करने की प्रक्रिया शुुरू है। 45 हजार से अधिक भूखंडों की फाइलें तैयार की गई हैं तथा 1 हजार से अधिक भूखंडधारकों को 56 रुपए प्रति वर्ग फीट की दर से विकास शुल्क अदा करने के लिए पत्र जारी किए गए हैं। हालांकि अब तक किसी भी भूखंडधारक द्वारा विकास शुल्क का भुगतान नहीं किया गया है।
 
 

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