राज्य बैंक में जिला बैंक का प्रतिनिधित्व घटा, कांग्रेस-राकांपा को लग सकता है झटका 

राज्य बैंक में जिला बैंक का प्रतिनिधित्व घटा, कांग्रेस-राकांपा को लग सकता है झटका 

Tejinder Singh
Update: 2018-09-25 16:40 GMT
राज्य बैंक में जिला बैंक का प्रतिनिधित्व घटा, कांग्रेस-राकांपा को लग सकता है झटका 

डिजिटल डेस्क, मुंबई। महाराष्ट्र राज्य सहकारी बैंक के निदेशक मंडल में जिला मध्यवर्ती सहकारी बैंक के प्रतिनिधियों की संख्या घटाई जाएगी। मंगलवार को राज्य सहकारी बैंक निदेशक मंडल की आमसभा में यह महत्वपूर्ण निर्णय लिया गया है। नए संशोधन के मुताबिक अब जिला सहकारी बैंक से 12 की बजाय केवल सात सदस्य बतौर निदेशक राज्य बैंक में नियुक्त हो सकेंगे। 

यह जानकारी राज्य बैंक के प्रशासक विद्याधर अनास्कर ने दी है। माना जा रहा है कि बैंक संचालक मंडल में राष्ट्रवादी कांग्रेस व कांग्रेस पार्टी के वर्चस्व को कम करने के लिए राज्य सरकार ने यह कदम उठाया है। अनस्कर ने बताया कि बैठक में निदेशक मंडल के स्वरुप को लेकर कई महत्वपूर्ण निर्णय किए गए हैं। इसके लिए उपविधि में जरुरी संसोधन को भी मंजूरी दी गई है।

अब तक राज्य बैंक संचालक मंडल में मध्यवर्ती जिला सहकारी बैंक के 12 प्रतिनिधि सदस्य के रुप में होते थे। जिसे घटाकर सात कर दिया गया है। वहीं नागरी सहकारी बैंक से सिर्फ दो प्रतिनिधियों को शामिल किया जाता था पर अब इसे बढाकर चार कर दिया गया है। शक्कर कारखानों व सूत मिलो से पहले एक-एक प्रतिनिधि चुने जाते थे पर अब यहां से दो-दो प्रतिनिधियों को शामिल किया जाएगा।

राज्य में गृह निर्माण संस्थाओं की संख्या काफी ज्यादा है। यहां से कोई प्रतिनिधित्व बैंक में नहीं था पर अब इस संस्था के एक प्रतिनिधि को शामिल किया जाएगा। रिजर्व बैंक व नबार्ड की राय से दो विशेषज्ञों को भी चुनाव के जरिए शामिल किया जाएगा। इसके अलावा बैंक व कृषि क्षेत्र के विशेषज्ञों को भी मंडल में शामिल किया जाएगा। इसके अलावा कानून के तहत जरुरी आरक्षित वर्ग के लोग भी इसमे शामिल होंगे। 

बैंक के कामकाज के विषय में उन्होंने कहा कि पिछले वित्तीय वर्ष में बैंक का मुनाफ 201 करोड़ रुपए पहुंच गया था। पहले बैंक का कार्यक्षेत्र चीनी व सूत मिल कारखाने तक सीमित था लेकिन अब बैंक का कार्यक्षेत्र बढ़ाया गया है। 
 

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