बाढ़ पीड़ितों से भेदभाव कर रही राज्य सरकार

बाढ़ पीड़ितों से भेदभाव कर रही राज्य सरकार

Anita Peddulwar
Update: 2020-12-12 08:20 GMT
बाढ़ पीड़ितों से भेदभाव कर रही राज्य सरकार

डिजिटल डेस्क, नागपुर।  नागपुर विभाग के बाढ़ पीड़ितों की व्यथा का जिक्र करती जनहित याचिका बॉम्बे हाईकोर्ट की नागपुर खंडपीठ में दायर की गई है। पहले तो नागरिकों को बाढ़ पर कोई अलर्ट न देने और फिर प्रभावितों को मुआवजा देने में कंजूसी करने वाली केंद्र राज्य सरकार को इस याचिका में जवाबदेह बनाने की प्रार्थना हाईकोर्ट से की गई है। मामले में याचिकाकर्ता का पक्ष सुनकर केंद्र और राज्य सरकार के विविध विभागों को नोटिस जारी कर 6 सप्ताह में जवाब मांगा है। मामले में याचिकाकर्ता माणिक चौधरी और मनोहर नाकतोड़े की ओर से एड.आनंद देशपांडे और एड.कल्याण कुमार ने पक्ष रखा।

28 से 30 अगस्त को वैनगंगा नदी पर बने गोसीखुर्द इंदिरा सागर बांध के 33 गेट खोले जाने से नागपुर विभाग के गोंदिया, भंडारा, चंद्रपुर और गड़चिरोली में बाढ़ आ गई। 261 गांवों के 96,996 लोग इससे प्रभावित हुए। लोगों के जान माल का भारी नुकसान हुआ। याचिकाकर्ता के अनुसार भारत सरकार ने बाढ़ से लोगों को आगाह करने के लिए पूरी एसओपी बना कर रखी है। नदी में एक सीमा के ऊपर जलस्तर बढ़ते ही स्थानीय लोगों को अलर्ट किया जाना चाहिए। इस अलर्ट के आधार पर स्थानीय प्रशासन लोगों को सुरक्षित स्थान पर ले जाने, बाढ़ से निपटने के प्रबंध करने और जनता का नुकसान कम करने के प्रबंध में जुटता है। लेकिन इस मामले में एसओपी का पालन नहीं किया। 

गोंदिया-भंडारा के जिला प्रशासन ने किया अलर्ट
सिर्फ गोंदिया-भंडारा के जिला प्रशासन ने लोगों को अलर्ट किया। चंद्रपुर में न तो बांध से जुड़े अधिकारियों ने और न ही जिला प्रशासन ने स्थानीय लोगों को बाढ़ के खतरे से आगाह किया। इससे हुअा ये कि बाढ़ आने पर लोगों में अफरा-तफरी मच गई।  इसके पूर्व 3 जुलाई 2020 को पश्चिमी महाराष्ट्र में निसर्ग नामक चक्रवात आया था। इन दोनों आपदाओं में पीड़ितों को मुअावजा देने में राज्य सरकार ने बड़ा भेदभाव किया है। पूरी तरह से घर बर्बाद होने पर पश्चिमी महाराष्ट्र के पीड़ितों को 1.50 लाख रुपए तो नागपुर विभाग के पीड़ित को सिर्फ 95000 रुपए मुआवजा तय किया गया है। इसके अलावा नाव और मछली पकड़ने का जाल बर्बाद होने पर पश्चिमी महाराष्ट्र में 5 हजार से 25 हजार रुपए तक का मुआवजा दिया गया। लेकिन इस श्रेणी में नागपुर विभाग में कोई मुआवजा नहीं दिया गया है। 

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