राज्य सरकार ने 94 एबीडीओ को प्रमोशन, नागपुर जिले से 10 शामिल

महाराष्ट्र  राज्य सरकार ने 94 एबीडीओ को प्रमोशन, नागपुर जिले से 10 शामिल

Anita Peddulwar
Update: 2022-06-01 07:30 GMT
 राज्य सरकार ने 94 एबीडीओ को प्रमोशन, नागपुर जिले से 10 शामिल

डिजिटल डेस्क, नागपुर।  राज्य सरकार ने 94 एबीडीओ को बीडीओ पद पर पदोन्नति दी है, जिसमें नागपुर जिले के 10 एबीडीओ का समावेश है। 30 मई को ग्राम विकास विभाग ने पदोन्नति के आदेश जारी किए। नरखेड़ पंचायत समिति के एबीडीओ को वर्धा जिले की हिंगनघाट पंचायत समिति के बीडीओ पद पर नियुक्ति की गई है। कलमेश्वर पंचायत समिति में कार्यरत संदी गोडशेलवार को चंद्रपुर जिले की वरोरा पंचायत समिति, भिवापुर पंचायत समिति में कार्यरत रोशन दुबे को वर्धा जिले की समुद्रपुर पंचायत समिति, विभागीय आयुक्त कार्यालय में कार्यरत देवानंद पानबुड़े को वर्धा जिले की सेलू पंचायत समिति, रोहयो नागपुर जिप में कार्यरत जी. एम. खोब्रागड़े को विभागीय आयुक्त कार्यालय में उपमुख्य कार्यकारी अधिकारी, नागपुर पंचायत समिति में कार्यरत किशोर गज्जलवार को यवतमाल जिले की वणी पंचायत समिति, कुही पंचायत समिति में कार्यरत जयसिंह जलगाव को रामटेक पंचायत समिति, उमरेड पंचायत समिति में कार्यरत नितीश माने, मौदा पंचायत समिति में कार्यरत वी. के. झिंगरे, पारशिवनी पंचायत समिति में कार्यरत सुभाष जाधव को उसी पंचायत समिति में बीडीओ की कमान सौंपी गई है। 

नागपुर जिले में आएंगे : चंद्रपुर जिले की वरोरा पंचायत समिति में कार्यरत संजय वानखेड़े नागपुर जिप में जलजीवन मिशन के प्रकल्प संचालक पद पर पदोन्नति दी गई। भंडारा जिले की साकोली पंचायत समिति में कार्यरत एन. वी. वानखेड़े को नरखेड़ पंचायत समिति बीडीओ की कमान दी गई है। नागपुर जिप में जलजीवन मिशन के प्रकल्प संचालक पद पर अनिल किटे कार्यरत है। फिलहाल उनकी नियुक्ति प्रतीक्षा में रखी गई है। एबीडीओ से बीडीओ पद पर पदोन्नति दिए गए सभी अधिकारियों को शासन स्तर पर कार्यमुक्त किया गया है। उन्हें अलग से कार्यमुक्त करने की आवश्यकता नहीं रहने का आदेश में स्पष्ट किया गया है। जिप में बीडीओ के पद रिक्त रहने से ग्रामीण विकास प्रभावित हो रहा है। विकासकार्यों को आगे बढ़ाने के लिए कास्ट्राइब जिप कर्मचारी संगठन जिलाध्यक्ष डॉ. सोहन चवरे ने 27 अप्रैल को सरकार को ज्ञापन भेजकर िरक्त पद भरने की मांग की थी। सरकार ने उनकी मांग का संज्ञान लेकर आदेश निर्गमित करने पर सरकार का आभार माना।

जिप में दिव्यांगों को 16 वर्ष से पदोन्नति नहीं : जिला परिषद में साल 2006 में दिव्यांग कर्मचारियों की भर्ती की गई थी। तत्कालीन सीईओ ईजेड खोब्रागड़े के कार्यकाल में भर्ती का विज्ञापन प्रकाशित कर अशंु सिन्हा के कार्यकाल में भर्ती हुई थी। 16 साल में एक भी कर्मचारी को पदोन्नति नहीं दिए जाने की जानकारी सामने आई है। 

10 साल बाद स्थायी आदेश भी नहीं : आमतौर पर अस्थायी सेवा के 10 साल पूरे होने पर स्थायी आदेश दिया जाता है। 16 वर्ष से कार्यरत दिव्यांग कर्मचारियों को पदोन्नति तो नहीं मिली, नौकरी में स्थायी भी नहीं किया गया। जब से नौकरी में लिया गया है, तब से हर 11 महीने में अनुबंध कर आगे सेवा में रखा जा रहा है। उज्ज्वल सज्जनवार, दिलीप विरुलकर, शर्मिला शेवड़े, वंदना आलोने आदि कर्मचारी साल 2006 से लगातार जिप के विविध विभागों में सेवा दे रहे हैं। दिव्यांग अस्थायी कर्मचारियों को नौकरी में स्थायी करने की मांग उत्तम शेवड़े ने जिला परिषद प्रशासन से की है।

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