रिटायर्ड निर्वाचन आयुक्त की अतिरिक्त पेंशन बार-बार बढ़ी, अब 78 हजार 777 रुपये का अतिरिक्त भुगतान होगा

रिटायर्ड निर्वाचन आयुक्त की अतिरिक्त पेंशन बार-बार बढ़ी, अब 78 हजार 777 रुपये का अतिरिक्त भुगतान होगा

Bhaskar Hindi
Update: 2018-09-15 09:35 GMT
रिटायर्ड निर्वाचन आयुक्त की अतिरिक्त पेंशन बार-बार बढ़ी, अब 78 हजार 777 रुपये का अतिरिक्त भुगतान होगा

डिजिटल डेस्क, भोपाल। नगरीय निकायों एवं पंचायती राज संस्थाओं के चुनाव कराने वाले राज्य निर्वाचन आयोग के एक रिटायर्ड आयुक्त की अतिरिक्त पेंशन राज्य सरकार को बार-बार बढ़ानी पड़ रही है। इस बार उन्हें एकमुश्त 1 लाख 23 हजार 793 रुपये  का अतिरिक्त भुगतान होगा। राज्य निर्वाचन आयोग का गठन 1 फरवरी,1994 को हुआ था तथा इसके पहले आयुक्त रिटायर्ड आईएएस एनबी लोहनी बनाये गये थे जिनका कार्यकाल 15 फरवरी 1994 से 16 फरवरी 2000 तक रहा था।

लोहनी ही ऐसे एकमात्र अधिकारी थे जो प्रमुख सचिव पद से रिटायर होकर आयुक्त बने थे। उनके बाद राज्य निर्वाचन आयुक्त बने गोपाल शरण शुक्ला, आदित्य विजय सिंह, अजीत रायजादा तथा वर्तमान आयुक्त आर परशुराम मुख्य सचिव वेतनमान से रिटायर हुये थे। कानूनन निर्वाचन आयुक्त का पद हाईकोर्ट के जस्टिस के बराबर होता है उसे हाईकोर्ट जस्टिस के समान सुविधायें एवं पेंशन देने का प्रावधान है। मुख्य सचिव वेतनमान वाले आयुक्तों का भी दर्जा हाईकोर्ट के जस्टिस के बराबर होता है तथा उन्हें राज्य निर्वाचन आयोग से पेंशन नहीं देनी पड़ती है क्योंकि उनकी मुख्य सचिव स्तर की पेंशन पहले से ही हाईकोर्ट जस्टिस के बराबर है, लेकिन एनबी लोहनी प्रमुख सचिव पद से रिटायर हुये थे इसलिये उन्हें प्रमुख सचिव स्तर की पेंशन तो मिल रही है परन्तु चूंकि आयुक्त के रुप में उनका दर्जा हाईकोर्ट जस्टिस के रुप में था इसलिये इन्हीं एकमात्र अधिकारी को राज्य निर्वाचन आयोग के माध्यम से अतिरिक्त पेंशन का भुगतान करना पड़ रहा है। जब-जब हाईकोर्ट जस्टिस की पेंशन रिवाईज होती है, तब-तब रिटायर्ड आयुक्त श्री लोहनी की भी अतिरिक्त पेंशन में वृध्दि करनी पड़ती है।

अतिरिक्त पेंशन भी दिलचस्प है :
रिटायर्ड आयुक्त को मिलने वाली अतिरिक्त पेंशन भी बड़ी दिलचस्प है। श्री लोहनी को आयुक्त पद से रिटायर होने के बाद 5200 रुपये सालाना अतिरिक्त पेंशन मिलती थी। यानि एक माह की पेंशन मात्र 433 रुपये हुई।


राज्य सरकार ने 27 अगस्त 2015 को आदेश जारी किये कि श्री लोहनी को 1 अप्रैल 2004 से 7800 रुपये सालाना अतिरिक्त पेंशन दी जायेगी। इसी में यह आदेश भी जोड़ा गया कि 1 जनवरी 2006 से श्री लोहनी को 1 जनवरी 2006 से 16 हजार 20 रुपये सालाना अतिरिक्त पेंशन दी जायेगी। इससे श्री लोहनी को 31 दिसम्बर 2005 तक एकमुश्त 13 हजार रुपये की अतिरिक्त पेंशन एरियर के रुप में मिली तथा 1 जनवरी 2006 से अगस्त 2015 तक 1 लाख 54 हजार 860 रुपये अतिरिक्त पेंशन एकमुश्त ऐरियर के रुप में मिली। 
अब राज्य सरकार ने अपने ताजा आदेश के तहत उनकी सालाना अतिरिक्त पेंशन 1 जनवरी 2016 से 45 हजार 16 रुपये कर दी है जिसका उन्हें अब 1 लाख 23 हजार 793 रुपये एरियर एकमुश्त मिलेगा। लेकिन आगे उन्हें मात्र 3 हजार 751 रुपये मासिक अतिरिक्त पेंशन का ही लाभ होगा।

इनका कहना है
‘‘राज्य निर्वाचन आयोग में एनबी लोहनी ही ऐसे एकमात्र व्यक्ति पदस्थ हुये थे जो प्रमुख सचिव पद से रिटायर हुये थे। चूंकि आयुक्त का दर्जा हाईकोर्ट जस्टिस के रुप में है इसलिये उन्हें सालाना अतिरिक्त पेंशन भी दी जाती है। यह अतिरिक्त पेंशन समय-समय पर रिवाईज भी होती है। बाकी आयुक्तों को यह अतिरिक्त पेंशन नहीं देनी पड़ती है क्योंकि वे मुख्य सचिव वेतनमान से रिटायर हुये थे और उन्हें हाईकोर्ट जस्टिस के बराबर ही पेंशन मिल रही है।’’

- प्रदीप तिवारी, अवर सचिव, राज्य निर्वाचन आयोग, भोपाल

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