आश्रमशाला में रोज घटिया भोजन मिलने से गुस्साए स्टूडेंट्स ने प्रिंसिंपल को जमकर पीटा

आश्रमशाला में रोज घटिया भोजन मिलने से गुस्साए स्टूडेंट्स ने प्रिंसिंपल को जमकर पीटा

Anita Peddulwar
Update: 2018-03-21 05:38 GMT
आश्रमशाला में रोज घटिया भोजन मिलने से गुस्साए स्टूडेंट्स ने प्रिंसिंपल को जमकर पीटा

डिजिटल डेस्क, कुरखेड़ा/गड़चिरोली ।  तहसील के रामगढ़ की आश्रमशाला मेंं रोज-रोज घटिया दर्जे का भोजन परोसे जाने से गुस्साए छात्रों ने आश्रमशाला के प्रिंसिंपल की पिटाई कर दी। घटना से जहां छात्रों पर किसी का कंट्रोल नहीं होने की बात सामने आ रही है वहीं आश्रमशाला में छात्रों को नारकीय जीवन व्यतीत करने के लिए मजबूर करनेे का आरोप भी लग रहा है।

निरीक्षण केे लिए पहुंची समिति को बताई थी व्यथा
उल्लेखनीय है  कि सरकार ने आदेश जारी कर स्थानीय स्तर पर अच्छे दर्जे का अनाज खरीदने के  निर्देश आश्रमशाला प्रबंधन को दिए हैं, लेकिन प्रबंधन द्वारा स्थानीय स्तर पर दुकानदारों से मिलीभगत कर घटिया दर्जे के अनाज की खरीदी कर अतिरिक्त बिल सरकार को पेश किए जा रहे थे। इस संबंध में शिकायत मिलते ही गड़चिरोली के प्रकल्प अधिकारी ने एक टीम बनाकर आश्रमशालाओं की जांच करने का आदेश दिया। उसके बाद इस समिति ने रामगढ़ आश्रमशाला को भेंट देकर वहां की जांच की। जांच के दौरान आश्रमशाला में  छात्रों ने आवश्यक सामग्री न मिलने और घटिया दर्जे का भोजन परोसे जाने की शिकायत समिति को दी।

समिति ने प्रिंसिंपल को भेजा था नोटिस
समिति ने आश्रमशाला में अनियमितता पाए जाने की रिपोर्ट प्रकल्प कार्यालय मेंं पेश की। इस पर प्रकल्प अधिकारी ने राशन अनाज खरीदी में अनियमितता दिखाई देने पर प्रिंसिंपल को नोटिस भेजकर 20 फीसदी रकम वापस करने की बात कही थी। उपरोक्त नोटिस प्राप्त होने के बाद दुकानदारों ने आश्रमशाला को अनाज देने से इनकार कर दिया। इस बीच रामगढ़ आश्रमशाला में घटिया दर्जे का भोजन छात्रों को परोसा जा रहा था। वहीं आवश्यक सामग्री भी उन्हें समय पर नहीं मिल रही थी। इस तरह की अनियमितता से त्रस्त छात्रों का गुस्सा फूट पड़ा और उन्होंने प्रिंसिंपल सुरेश पिलारे की पिटाई कर दी।   

 अधीक्षक का गुस्सा मुझ पर फूटा  
छात्रों ने तीन दिन पहले भी एक महिला कर्मी को चांटा जड़ा था, जिसके बाद अधीक्षक चिवंडे छात्रावास पहुंचे, तभी छात्रों ने उनका घेराव कर छात्रावास के समीपस्थ शेड का दरवाजा खोलने की मांग की। जब अधीक्षक ने शनिवार सुबह शेड का दरवाजा खोलने पर हामी भरी तो छात्र शांत हुए। अधीक्षक चिंवडे शुक्रवार को ही गांव चले गए। अधीक्षक पद का कार्यभार मुझ पर था। छात्र अधीक्षक को बुलाने की बात पर अड़े रहे, परंतु अधीक्षक से संपर्क नहीं पा हो रहा था। इसलिए छात्रों ने अधीक्षक का गुस्सा मुझ पर ही उतार दिया।  
- सुरेश पिलारे, प्रधानाचार्य आश्रमशाला, रामगढ़

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