मेडिकल कॉलेजों में एडमिशन से चूके सैकड़ों विद्यार्थी, कोर्ट जाएंगे अभिभावक

मेडिकल कॉलेजों में एडमिशन से चूके सैकड़ों विद्यार्थी, कोर्ट जाएंगे अभिभावक

Bhaskar Hindi
Update: 2017-07-18 18:01 GMT
मेडिकल कॉलेजों में एडमिशन से चूके सैकड़ों विद्यार्थी, कोर्ट जाएंगे अभिभावक

डिजिटल डेस्क, भोपाल। मेडिकल शिक्षा विभाग में पंजीयन न कराने की वजह से NEET और PMT क्वालिफाइड अभ्यर्थी मेडिकल कॉलेज में दाखिले से वंचित रह गये हैं। ऐसे सैकडों विद्यार्थी हैं, जिन्होंने ऑल इंडिया लेवल पर अच्छी खासी रैंक तो प्राप्त कर ली, लेकिन प्रदेश की मैरिट लिस्ट में उनका नाम ही नहीं है। इस बात का पता स्टूडेंंट्स को तब चला जब चिकित्सा शिक्षा संचालनालय ने सोमवार देर रात 17 हजार चयनित स्टूडेंंट्स की मैरिट लिस्ट जारी कर दी। इस लिस्ट में पंजीयन नहीं कराने वाले सैकड़ों स्टूडेंंट्स के नाम गायब हैं।

मंगलवार को अभिभावकों के साथ विद्यार्थी अपने परिजनों के साथ राजधानी के सतपुड़ा भवन स्थित चिकित्सा शिक्षा संचालनालय में आयुक्त से गुहार लगाने पहुंचे। उन्होंने आयुक्त को अपनी समस्या से अवगत कराया और मांग की है कि उन्हें पंजीयन के लिए एक और मौका दिया जाए, जिससे वे मेडिकल कालेज में दाखिले से वंचित न रहें। इंदौर, जबलपुर, भोपाल सहित प्रदेश के विभिन्न क्षेत्रों से आए स्टूडेंंट्स ने बताया कि पिछले दो साल से मेडिकल कॉलेज में दाखिला के लिए वे तैयारी कर रहे थे, उन्होंने परीक्षा उत्तीर्ण कर ऑल इंडिया स्तर पर अच्छी खासी रैंक भी हासिल कर ली, लेकिन एमपी में पंजीयन न होने की वजह से उन्हें डॉक्टर की पढ़ाई से वंचित किया जा रहा है।

9 हजार अभ्यार्थी अन्य राज्यों के

17 जुलाई को जारी एमपी की मैरिट लिस्ट में अन्य राज्यों से 9 हजार स्टूडेंंट्स के नाम है। स्टूडेंंट्स के अभिभावकों ने बताया कि नियमानुसार पहले राज्य के स्टूडेंंट्स को मौका दिया जाता है। इसके बाद अन्य राज्यों के स्टूडेंंट्स की सूची जारी की जाती है। गौरतलब है कि NEET और PMT से करीब 50 हजार स्टूडेंंट्स चयनित हुए है।

पंजीयन के लिए दिया था 5 दिन का समय

NEET, PMT क्वालिफाइड स्टूडेंंट्स को चिकित्सा शिक्षा विभाग द्वारा अधिकृत MPOnline की मदद से पंजीयन कराना होता है। जिसके बाद राज्य की मैरिट लिस्ट में उनका नाम आता है। इस पूरी प्रक्रिया में विद्यार्थी को 500 से 600 रुपए शुल्क वसूला जाता है। चिकित्सा शिक्षा संचालनालय ने 12 से 16 जुलाई तक MPOnline के माध्यम से पंजीयन प्रक्रिया का समय दिया गया था, लेकिन सर्वर डाउन होने के कारण हजारों विद्यार्थी पंजीयन कराने से वंचित रह गये और 17 जुलाई की देर रात संचालनालय ने स्टूडेंंट्स की मैरिट लिस्ट जारी कर दी।

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