नक्शा सुधार के लिए रिश्वत लेने वाले अधीक्षक भू अभिलेख को 4 वर्ष की सजा

नक्शा सुधार के लिए रिश्वत लेने वाले अधीक्षक भू अभिलेख को 4 वर्ष की सजा

Bhaskar Hindi
Update: 2018-10-03 12:46 GMT
नक्शा सुधार के लिए रिश्वत लेने वाले अधीक्षक भू अभिलेख को 4 वर्ष की सजा

डिजिटल डेस्क, शहडोल। आराजी का नक्शा सुधार करने के लिए दस हजार की रिश्वत लेने वाले अधीक्षक भू अभिलेख को चार साल की कैद व 15 हजार रुपये के जुर्माने की सजा से दंडित किया गया है। प्रथम अपर सत्र न्यायाधीश (विशेष न्यायाधीश भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम 1988) अविनाश चन्द्र तिवारी द्वारा रिश्वत लेने के आरोप में अधीक्षक भू अभिलेख को भ्रष्टाचार के लिए 4 वर्ष का सश्रम कारावास तथा 15 हजार रुपये के अर्थदण्ड की सजा सुनाई गई है।

ये है मामला
 मीडिया सेल प्रभारी नवीन कुमार वर्मा एडीपीओ द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार 21.02.13 को शिकायतकर्ता सुरेश कुमार जयसवाल पिता चुनवादी जयसवाल उम्र 32 वर्ष ग्राम निपनिया पोस्ट पपौंध थाना ब्यौहारी ने एक लिखित शिकायत पत्र पुलिस अधीक्षक लोकायुक्त रीवा को इस आशय का प्रस्तुत किया था कि मैं अपनी ससुराल ग्राम सिरौंज स्थित आराजी का नक्शा सुधार करने हेतु तात्कालीन अधीक्षक भू अभिलेख लालजी अहिरवार को प्रतिवेदन लिखा था। इसके बाद मैं अहिरवार से कई बार मिला तो उनका कहना है 10 हजार रूपये दो तब सुधार कर प्रतिवेदन भेजेंगे। फरियादी के अनुसार वह अधीक्षक भू अभिलेख लालजी अहिरवार से बार बार मिन्नतें करता रहा किंतु हर बार उससे सिर्फ पैसे की मांग की जाती रही । अपने वैध काम के लिए वह रिश्वत दना नहीं चाहता था इसलिए उसने मामले की शिकायत करने का निर्णय लिया ।

रंगे हाथ पकड़ा गया था
उक्त शिकायत पर लोकायुक्त संगठन रीवा द्वारा ट्रेप कार्यवाही के दौरान 26 फरवरी 2013 को आरोपी को 10 हजार रुपये रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों पकड़ा गया। संपूर्ण विवेचना उपरांत लोकायुक्त पुलिस द्वारा आरोपी के विरूद्ध भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम 1988 की धारा 7, 13 (1) डी, 13 (2) के अधीन चालान न्यायालय में प्रस्तुत किया गया। प्रकरण में अभियोजन की ओर से विश्वजीत पटेल जिला लोक अभियोजन अधिकारी एवं कविता कैथवास सहायक जिला लोक अभियोजन अधिकारी द्वारा सशक्त पैरवी की गई।

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