सुप्रीम कोर्ट ने राज्यों को एक हफ्ते में स्टेटस रिपोर्ट दाखिल नहीं करने पर लगाया जाएगा जुर्माना

उपभोक्ता आयोग में नियुक्तियों का मामला सुप्रीम कोर्ट ने राज्यों को एक हफ्ते में स्टेटस रिपोर्ट दाखिल नहीं करने पर लगाया जाएगा जुर्माना

Anita Peddulwar
Update: 2021-11-10 13:52 GMT
सुप्रीम कोर्ट ने राज्यों को एक हफ्ते में स्टेटस रिपोर्ट दाखिल नहीं करने पर लगाया जाएगा जुर्माना

 डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को चेतावनी दी है कि राज्य उपभोक्ता विवाद निवारण आयोग में रिक्तियों के संबंध में एक सप्ताह के भीतर स्टेटस रिपोर्ट प्रस्तुत करने में विफल रहने वाले राज्यों पर 1 से 2 लाख रुपये का जुर्माना लगाया जाएगा। कोर्ट ने कहा कि जुर्माना संबंधित अधिकारियों से वसूल किया जाएगा।

जस्टिस संजय किशन कौल और जस्टिस एम एम सुंदरेश की पीठ ने देश भर में उपभोक्ता आयोगों में रिक्तियों से निपटने के लिए अपने द्वारा उठाए गए मामले पर विचार करते हुए उपरोक्त टिप्पणियां की है। इससे पहले 22 सिंतबर 2021 को पीठ ने एक स्पष्टीकरण जारी किया था कि बॉम्बे हाईकोर्ट के उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम को रद्द करने के फैसले से पहले से की गई नियुक्ति और अन्य राज्यों में अनुकरण की जाने वाली प्रक्रियाओं में बाधा नहीं आएगी। साथ ही पीठ ने देशभर में उपभोक्ता आयोगों में बढ़ती रिक्तियों पर भी नाराजगी व्यक्त की थी।

मामले में एमिक्स क्यूरी गोपाल शंकरनारायण ने अदालत को बताया कि उन्हें सभी राज्यों से सभी रिपोर्ट नहीं मिली है। महाराष्ट्र सरकार के वकील सचिन पाटील के मुताबिक महाराष्ट्र की ओर से इस मामले से संबंधित सभी रिपोर्ट कोर्ट में प्रस्तुत की गई है। कई राज्यों ने एमिकस क्यूरी को स्टेटस रिपोर्ट दर्ज नहीं की है। इस तथ्य के मद्देनजर उपभोक्ता विवाद निवारण आयोगों में रिक्तियों को भरने के संबंध में स्वत: संज्ञान मामले में तीन सप्ताह के बाद फिर से सुनवाई की जाएगी।   

 

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