सुषमा स्वराज की नागपुर से जाती थी होमियोपैथी की दवा, डॉ. विलास डांगरे कर रहे थे इलाज

सुषमा स्वराज की नागपुर से जाती थी होमियोपैथी की दवा, डॉ. विलास डांगरे कर रहे थे इलाज

Anita Peddulwar
Update: 2019-08-07 05:45 GMT
सुषमा स्वराज की नागपुर से जाती थी होमियोपैथी की दवा, डॉ. विलास डांगरे कर रहे थे इलाज

डिजिटल डेस्क, नागपुर। पूर्व विदेश मंत्री सुषमा स्वराज पिछले कई दिनों से अस्वस्थ चल रही थीं। उन्हें अनेक बीमारियों ने घेर रखा था। उन्हें डस्ट की एलर्जी थी। इसका उन्होंने नागपुर में इलाज कराया था। कुछ साल पहले उन्होंने शहर के प्रसिद्ध डॉ. विलास डांगरे से इस संबंध में बात की थी। डॉ. डांगरे ने एलर्जी की दवाइयां उन्हें दी थी। नियमित तौर पर उन्हें यह दवा भेजी जाती थी। डॉ. डांगरे बताते हैं कि अपनी व्यस्तता के कारण वे कई बार नागपुर आने में असमर्थ रहती थीं। ऐसे में तत्कालीन नागपुर से कांग्रेस सांसद विलास मुत्तेमवार के जरिए दिल्ली में उनके लिए यह दवा भेजी जाती थी। कुछ समय तक यह दवाइयां उन्होंने नियमित रूप से ली। बाद में व्यस्तता के कारण दिल्ली में ही इलाज शुरू कर दिया। डॉ. विलास डांगरे परिवार से उनका पारिवारिक संबंध रहा। 6 साल पहले नगरसेवक छोटू भोयर द्वारा आमंत्रित किए गए रेशमबाग स्थित केशवनगर शाला के रौप्य महोत्सव में भी वे आई थीं। इस दौरान उन्होंने शिक्षा व्यवस्था को लेकर जो भाषण दिया था, वह काफी चर्चित रहा। डॉ. डांगरे बताते हैं कि वे उम्दा व्यक्तित्व की धनी थीं। स्पष्ट वक्ता और महिलाओं की दृष्टि से ऐसा राजनीतिज्ञ होना विरले है। 

2 अप्रैल को आखिरी बार आईं थीं

विदेश मंत्री रहते सुषमा स्वराज अनेक बार नागपुर आईं। राष्ट्र सेविका समिति के धंतोली स्थित पूर्वांचल छात्राओं से उनका खासा लगाव था। ऐसे में मंत्री रहते हुए एक-दो बार वह गुपचुप तरीके से भी छात्राओं से मिलने पहुंचीं। पार्टी में अनेक बड़े नेताओं को भी खबर नहीं रहती थी। नवंबर में रामनगर स्थित श्री शक्तिपीठ स्मारक के पुनर्निमाण के उद्घाटन अवसर पर भी उनकी प्रमुख उपस्थिति रही। अस्वस्थता के कारण उन्होंने पिछले वर्ष चुनाव नहीं लड़ने की घोषणा की थीं, लेकिन लोकसभा चुनाव के प्रचार में वह सक्रिय रहीं। केंद्रीय मंत्री नितीन गडकरी के चुनाव प्रचार के लिए विशेषकर नागपुर पहुंचीं। 2 अप्रैल 2019 को उनका नागपुर में अंतिम दौरा रहा। जगनाड़े चौक स्थित एक होटल में आयोजित प्रचार सभा में उन्हें सुनने के लिए भारी भीड़ जुटी थी। इस दौरान केंद्रीय मंत्री गडकरी ने उनका आभार जताते हुए कहा कि अस्वस्थ होने के बावजूद वे सिर्फ नागपुर में मेरे लिए आई हैं। सुषमा स्वराज ने भी गडकरी के प्रति अपने स्नेह को जताया था।

उन्होंने हमेशा बड़ी बहन का स्नेह दिया : गडकरी

श्रीमती सुषमा स्वराज के निधन से गहरा आघात लगा है। उन्होंने हमेशा मुझे बड़ी बहन का स्नेह दिया और संगठनात्मक सलाह देकर राजनीतिक अभिभावक का फ़र्ज़ निभाया। भारतीय राजनीति में मज़बूत विपक्षी और पूर्व विदेश मंत्री के तौर पर उनकी भूमिका को सदैव स्मरण किया जाएगा। उनके निधन से देश की, पार्टी की और व्यक्तिगत मेरी अपूरणीय क्षति हुई है। भगवान उनकी आत्मा को शांति दें। ॐ शांति।  - नितीन गडकरी, केंद्रीय भूतल परिवहन मंत्री

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