सिंडिकेट बैंक : 66 लाख की रिकवरी और जेल जाने के डर से दबाव में थी मैनेजर रिशु

सिंडिकेट बैंक : 66 लाख की रिकवरी और जेल जाने के डर से दबाव में थी मैनेजर रिशु

Bhaskar Hindi
Update: 2018-11-06 08:03 GMT
सिंडिकेट बैंक : 66 लाख की रिकवरी और जेल जाने के डर से दबाव में थी मैनेजर रिशु

डिजिटल डेस्क, जबलपुर। मेरी बेटी रिशु तिवारी जब मेडिकल सिंडिकेट बैंक में शाखा प्रबंधक थी, तब जारी हुए 33 लोन में 66 लाख का गबन हुआ था। इस मामले में तिलवारा थाने में एफआईआर भी हुई थी, लेकिन बैंक वाले विभागीय जांच में लगातार रिशु पर 66 लाख की रिकवरी और जेल जाने की बातें कर रहे थे। इसी वजह से वह दबाव में रहती थी, शायद इसी तनाव के कारण उसने आत्महत्या की। इस मामले की निष्पक्ष जांच होनी चाहिए, ताकि मेरी बेटी के ऊपर लगे आरोपों की सच्चाई सामने आ सके। इस शिकायत पत्र के साथ गुना से शहर पहुंचीं मृत सिंडिकेट बैंक की मैनेजर रिशु तिवारी की मां तुलसी तिवारी ने  एसपी अमित सिंह से मुलाकात करके अपने बयान दर्ज कराए।

तुलसी तिवारी के अनुसार रिशु हर दिन फोन पर उनसे लोन के रिकवरी और जेल जाने के डर की बातें करती थी। तुलसी के अनुसार वे और उनके पति निरंजन प्रसाद लगातार रिशु को समझाते रहे, लेकिन वो बैंक अधिकारियों के सवाल-जवाब से भयग्रस्त और हताश रहती थी।

हमारे कहने पर रोहित करता था मदद
तुलसी तिवारी ने बताया है कि रोहित नौश्री से हमारे पारिवारिक संबंध  हैं, रिशु का जबलपुर तबादला होने के बाद हमारे परिवार ने ही रोहित से उसकी देखरेख के लिए मदद मांगी थी। जिसके बाद से रोहित रिशु और उसकी बेटी अवनि की लोकल पेरेन्ट्स की तरह मदद करता था। रोहित शुरू से इस मामले में संदेही माना जा रहा है।

रात भर रोती थीं मम्मी
 इस मामले की सबसे अहम कड़ी रिशु की बेटी अवनि के बयान हैं। अवनि ने अपने बयानों में बताया है कि पछले कुछ महीने से मम्मी लोन की रिकवरी और जेल जाने के डर की बात करके रात भर रोती रहती थीं। अवनि ने अपने बयानों में रिशु और उससे मिलने जुलने वालों के बारे में भी पुलिस को कई महत्वपूर्ण जानकारियां दी है। जिस पर पुलिस ने कई लोगों को नोिटस भेजकर जवाब मांगा है।

इनका कहना है
मृतिका की मां और बेटी के बयान दर्ज कर लिए गए हैं, लेकिन जांच पूरी होने के बाद ही वास्तविकता का पता चलेगा।
ब्रजभान , जांच अधिकारी थाना गोरखपुर

 

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