फर्जी दस्तावेज बनाकर करोड़ोंं का घोटाला कराने वाली चुरहट तहसीलदार निलंबित

फर्जी दस्तावेज बनाकर करोड़ोंं का घोटाला कराने वाली चुरहट तहसीलदार निलंबित

Bhaskar Hindi
Update: 2018-10-06 07:48 GMT
फर्जी दस्तावेज बनाकर करोड़ोंं का घोटाला कराने वाली चुरहट तहसीलदार निलंबित

डिजिटल डेस्क, सीधी। जिले के चुरहट तहसील में पदस्थ तहसीलदार अमिता सिंह तोमर को कमिश्नर रीवा ने भ्रष्टाचार में लिप्त होने के चलते निलंबित कर दिया है और निलंबन अवधि के दौरान उन्हें कलेक्टर कार्यालय सीधी में पदस्थ किया गया । बता दें कि चुरहट तहसील के अंतर्गत रेलवे से संबंधित भूमियों का तहसीलदार द्वारा फर्जी दस्तावेज तैयार कर करोड़ों रुपए का लेन देन कर कच्ची टीप के आधार पर अवैधानिक तरीके से भिंड मुरैना ग्वालियर के लोगों के नाम नामांतरण कर दिया गया था। इतना ही नहीं राष्ट्रीय राजमार्ग से संबंधित भूमियों का नियम विरूद्ध तरीके से बंटवारा व शासकीय भूमि का निजी व्यक्तियों के नाम पट्टा किये जाने आदि भ्रष्ट्राचार की शिकायत अनिल पांडे द्वारा राजस्व मंत्री से की गई थी।

जिस पर  राजस्व मंत्री उमाशंकर गुप्ता व्दारा पूरे मामले की जांच के लिए मुख्य सचिव राजस्व को निर्देशित किया था और  मुख्य सचिव ने कमिश्नर रीवा को जांच के लिए निर्देशित किया था । जिसके उपरांत कमिश्नर ने कलेक्टर सीधी से उक्त मामले की जांच कराई थी कलेक्टर सीधी ने अपनी जांच रिपोर्ट पर तहसीलदार चुरहट के विरुद्ध अनुशासनात्मक कार्यवाही करने की बात कही थी। जिसके आधार पर कमिश्नर रीवा द्वारा आज 5 अक्टूबर को तहसीलदार चुरहट अमिता सिंह को निलंबित कर दिया।

गौ तस्करी के मामले में आरोपियों को सजा
गौ तस्करी के मामले में न्यायालय द्वारा आरोपियों को सजा सुनाई गई है। बताया गया कि 28 सितम्बर 18 को रात्रि लगभग 12 बजे ग्राम कोदौरा मेनरोड थाना अमिलिया अंतर्गत 13 नग मवेशी का वाहन क्र. एमपी 53 जीए 3058 एवं बिना नंबर के पिकअप द्वारा आरोपीगण अकबर अली 36 वर्ष पिता तिज्मुल हुसैन, जैनुल वख्श पिता अय्युब बख्श उम्र 19 वर्ष, मोहम्मद शकील पिता नैबुद्दीन अंसारी उम्र 23 वर्ष निवासी दुआरा थाना बहरी एवं मोहम्मद मुबारक बख्श पिता मुख्यतयार अली निवासी अमिलिया ने बिना खाना पानी दिये निर्दयतापूर्वक ले जा रहे थे।

जिसकी सूचना मुखबिर द्वारा पुलिस थाना अमिलिया को दिये जाने पर कार्यवाही करते हुए पशु क्रूरता निवारण की धारा 11,घ, ड, च, ट के अंतर्गत एफआईआर पंजीबद्ध की जाकर विवेचना उपरान्त अभियोग पत्र न्यायालय में प्रस्तुत किया गया। जिससे संबंधित न्यायालयीन प्रकरण में शासन की ओर से पैरवी करते हुए कु सीनू वर्मा, सहायक जिला अभियोजन अधिकारी सीधी द्वारा दोषी प्रमाणित कराया गया। परिणामस्वरूप न्यायालय अजय प्रताप सिंह यादव न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी सीधी द्वारा आरोपियों को दोषी पाते हुए पशु क्रूरता निवारण की धारा 11,घ, ड, च, ट में प्रत्येक आरोपी को 50-50 रू के अर्थदंड कुल 200-200 रू अर्थदंड से दण्डित किया गया।

 

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