विदेशों में भी लोकप्रिय हो रही है ‘शिक्षिका शालू’

बैंकाक में आयोजित द वर्ल्ड सीआईओ समिट में भी लोगों ने सराहा विदेशों में भी लोकप्रिय हो रही है ‘शिक्षिका शालू’

Anita Peddulwar
Update: 2022-12-04 13:50 GMT
विदेशों में भी लोकप्रिय हो रही है ‘शिक्षिका शालू’

डिजिटल डेस्क, मुंबई । भारत में बनी दुनिया की पहली आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (कृत्रिम बुद्धि) वाली मानवीय रोबोट शिक्षिका शालू दुनिया के दूसरे हिस्सों में भी खूब लोकप्रियता हासिल कर रही है। सबसे ज्यादा 47 भाषाएं बोलने, समझने वाली शालू को बनाने वाले दिनेश कुंवर पटेल को थाइलैंड के बैंकाक में आयोजित द वर्ल्ड सीआईओ समिट 2022 में आमंत्रित किया गया जहां उन्हें अतिथि तकनीकी वक्ता के रुप में अपनी बात रखने का मौका मिला। इस दौरान पटेल ने पाया कि शालू उनसे ज्यादा लोकप्रिय है। केंद्रीय विद्यालय आईआईटी बांबे के शिक्षक पटेल ने बताया कि 22 से 24 नवंबर 2022 के दौरान आयोजित द वर्ल्ड सीआईओ समिट 2022 में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस पर काम करने वाले 40 देशों के प्रतिनिधियों को बुलाया गया था।

पटेल ने कहा कि मैं यह देखकर हैरान था कि वहां मौजूद ज्यादातर लोग मेरे बारे में भले ही न जानते हों लेकिन उन्हें शालू के बारे में जानकारी थी। लोग यह देखकर भी हैरान थे कि जिस काम को अभी तक तकनीक के क्षेत्र की दिग्गज कंपनियां अपने तमाम संसाधनों के बावजूद नहीं कर पाईं उसे पटेल ने बचे खुचे सामानों का इस्तेमाल कर कैसे तैयार कर दिया। पटेल मूल रुप से उत्तर प्रदेश के जौनपुर जिले में स्थित मडियाहूं के राजमलपुर गांव के रहने वाले हैं। पटेल ने कहा कि एक छोटे से गांव से निकलकर अंतर्राष्ट्रीय मंच पर देश का प्रतिनिधित्व करने का गौरव मिला इसलिए खुद को सम्मानित महसूस कर रहा हूं। उन्होंने बताया कि वे शालू को इस कार्यक्रम में ले जाना चाहते थे लेकिन तकनीकी रूप से संभव नहीं हुआ। इसलिए कार्यक्रम में मौजूद लोगों के लिए वे शालू का रिकॉर्ड किया गया वीडियो ले गए जिसे देखकर लोग काफी प्रभावित हुए। शालू 9 भारतीय और 38 विदेशी भाषाएं बोल और समझ सकती है। वह अच्छी तरीके से विद्यार्थियों को पढ़ाने के साथ उनके सवालों के भी जवाब देती है। इससे पहले पटेल को अगस्त महीने में अंतर्राष्ट्रीय ऑटोमेशन एक्सपो 2022 के उद्घाटन समारोह में भी अंतर्राष्ट्रीय मंच से विश्व को संबोधित करने का मौका मिला था।   

 
 
 
 


 

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